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उत्तर - परिचय
'लोक नीति' दो शब्दों से मिलकर बना है -'लोक' का अर्थ है “जनता” और 'नीति' का अर्थ है “नियम या योजना”। लोक नीति की शुरुआत 19वीं सदी के अंत में वुड्रो विल्सन के निबंध "द स्टडी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन" के विचारों से हुई। आगे चलकर हारॉल्ड लैसवेल ने इसे एक नया अध्ययन क्षेत्र बनाया, जिसे नीति विज्ञान कहा गया। समय के साथ इसमें समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र जैसे विषय जुड़े और जनता की भागीदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे मूल्य भी शामिल हुए, जिससे लोक नीति एक मजबूत क्षेत्र बन गया।
लोक नीति की एक सरल परिभाषा :
लोक नीति (Public Policy) का अर्थ एक ऐसी सरकारी प्रक्रिया से है, जिसके अंतर्गत समाज की समस्याओं को सुलझाने, जनकल्याण को बढ़ाने और सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नियम, कानून, निर्णय और कार्यक्रम बनाए जाते हैं।
लोक नीति पर विभिन्न विचारकों के विचार :
थॉमस डाई ने सबसे प्रसिद्ध, संक्षिप्त और सीधी परिभाषा प्रदान करते हुए कहा : "सरकार जो भी करने या न करने का निर्णय करती है वह लोक नीति कहलाती है।"
जेनकिंस के अनुसार “लोक नीति केवल एक निर्णय नहीं, बल्कि निर्णयों की एक श्रृंखला और एक गतिशील प्रक्रिया है।“
लोक नीति का अध्ययन कई कारणों से महत्वपूर्ण है -
सार्वजनिक (लोक) नीति एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो समाज के कामकाज को गहराई से प्रभावित करता है। इसमें सरकार द्वारा बनाए गए नियम और कार्य शामिल होते हैं, जिनका उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और आर्थिक विकास जैसे मुद्दों का समाधान करना होता है। इसे समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह शासन को प्रभावित करती है, समाज में बदलाव लाने में मदद करती है और नागरिकों को नीति बनाने की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका देती है।
1. शासन को समझना -
लोक नीति के अध्ययन से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि सरकार किस तरह निर्णय लेती है, योजनाएँ बनाती है और उन्हें लागू करती है। इससे शासन प्रणाली की संरचना, कार्यशैली और प्रक्रियाओं की गहरी जानकारी मिलती है। यह अध्ययन प्रशासनिक पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और जवाबदेही को भी उजागर करता है। नागरिकों को यह जानने में सहायता मिलती है कि नीतियाँ कैसे बनती हैं और उनका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है। इससे लोकतंत्र मजबूत होता है।
2.सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देना -
लोक नीति समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है। इसके अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि सरकार कैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में योजनाएं बनाकर सुधार लाती है। लोक नीति सामाजिक असमानताओं को कम करने, वंचित वर्गों को सशक्त बनाने और न्यायपूर्ण समाज स्थापित करने में सहायता करती है। यह समाज में समावेशी विकास और सुधार की दिशा तय करती है। इसलिए, इसका अध्ययन सामाजिक प्रगति के लिए जरूरी है।
3. नागरिक सहभागिता बढ़ाना -
लोक नीति का ज्ञान नागरिकों को जागरूक और सशक्त बनाता है, जिससे वे नीतियों के निर्माण और निगरानी में भाग ले सकें। जब लोग जानते हैं कि नीतियाँ कैसे बनती हैं, तब वे अपने विचार, सुझाव और आपत्तियाँ उचित मंचों पर रख पाते हैं। इससे सरकार पर जनमत का दबाव बढ़ता है और निर्णय जनहित में लिए जाते हैं। यह सहभागिता लोकतांत्रिक शासन की मजबूती और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
4. अंतर्विषयक अंतर्दृष्टि -
लोक नीति का अध्ययन कई विषयों जैसे राजनीति, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, कानून और प्रशासन को एक साथ जोड़ता है। इससे समस्याओं को बहुआयामी दृष्टिकोण से समझने और उनका संतुलित समाधान खोजने में सहायता मिलती है। यह अंतर्दृष्टि नीति निर्माण को अधिक समृद्ध, गहन और व्यवहारिक बनाती है। इस अध्ययन से छात्र केवल एक दिशा में नहीं, बल्कि कई दृष्टिकोणों से सोचने में सक्षम होते हैं, जो आज के जटिल समाज में जरूरी है।
5. वैश्विक चुनौतियों का समाधान -
आज की दुनिया में जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद, वैश्विक असमानता जैसी समस्याएँ सीमाओं से परे हैं। लोक नीति का अध्ययन इन अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान की राह दिखाता है। यह नीति निर्माताओं को साझा रणनीतियों, सहयोग और वैश्विक सोच के साथ निर्णय लेने की क्षमता देता है। नीति अध्ययन से हम यह समझ पाते हैं कि स्थानीय समस्याओं को भी वैश्विक संदर्भ में कैसे देखा जाए और किस प्रकार मिलकर इनका हल खोजा जाए।
निष्कर्ष
अंतत: लोक नीति समाज की समस्याओं का समाधान और सुशासन का मार्ग है। इसका अध्ययन शासन को समझने, सामाजिक परिवर्तन लाने और नागरिक सहभागिता बढ़ाने में मदद करता है। यह बहुआयामी दृष्टिकोण से नीतियाँ बनाने की दिशा देता है। आज के समय में लोक नीति का ज्ञान सामाजिक विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।
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