प्रश्न 1- हिन्दी भाषी समुदाय में हिन्दी की स्थिति की समीक्षा करते हुए हिन्दी के अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप पर प्रकाश डालिए।

May 23, 2025
1 Min Read
प्रश्न 1- हिन्दी भाषी समुदाय में हिन्दी की स्थिति की समीक्षा करते हुए हिन्दी के अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप पर प्रकाश डालिए।

उत्तर - परिचय

हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा और भारत की एक राजभाषा है। इसका प्रभाव केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्व के कई देशों में बोली जाती है। हिन्दी भाषी समुदाय में हिन्दी की स्थिति मजबूत है, और इसका अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप लगातार बढ़ रहा है। हिन्दी की यह स्थिति न केवल भारत में, बल्कि नेपाल, थाईलैंड फिजी और अन्य देशों में भी प्रचलित है।

हिंदी शब्द की व्युत्पत्ति : 'हिंदी' शब्द का संबंध मूलतः 'हिंद' अथवा 'हिंदू' आदि शब्दों से माना जा सकता है। 'हिंद' या 'हिंदू' शब्द की व्युत्पत्ति के बारे में अनेक मत उपलब्ध हैं। अधिकांश भाषाविदों ने हिंदी शब्द का संपर्क संस्कृत के 'सिंधु' शब्द से जोड़ा है। हिंदी के भाषा चिंतक डॉ. भोलानाथ तिवारी, डॉ. धीरेन्द्र वर्मा, तथा डॉ. हरदेव बाहरी सभी यह मानते हैं कि 'हिंद' शब्द का मूल स्रोत संस्कृत का 'सिंधु' ही है। हिंदी शब्द का प्राचीनतम प्रयोग शरफुद्दीन यज्दी की 'ज़फ़रनामा' (1424 ई०) नामक पुस्तक में मिलता है।

हिन्दी भाषी समुदाय में हिन्दी की स्थिति और उसका अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप

आज के समय में हिंदी भाषा पूरी दुनिया में फैली हुई है। अगर भारत के अंदर हिंदी भाषा की भौगोलिक स्थिति प्रमुख रूप से हिंदी भाषी राज्यों के नाम सामने आते हैं। जैसे- उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली। उल्लिखित राज्यों की प्रमुख भाषा हिंदी होने के कारण इन्हें हिंदी भाषी प्रदेश कहा जाता है।

  • हिंदी की जनसंख्या - भारत में हिंदी बोलने वाले लोगों का अनुमानित आँकड़ा 50 प्रतिशत है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा हिंदी है। हिंदी के बाद दूसरा स्थान बंगाली भाषा का माना जाता है। भारत में हिंदी के कई रूप देखने को मिलते हैं। हिंदी के विभिन्न रूपों को देखकर भी यह स्पष्ट होता है कि भारत में हिंदी का भौगोलिक विस्तार विस्तृत है। 

    डॉ. शिवराज वर्मा लिखते हैं- "हिंदी भाषी प्रदेशों की भाषा तो हिंदी है, इसके अतिरिक्त अहिंदी भाषी प्रदेशों में भी हिंदी का प्रचलन रहा है। भारत की यही एकमात्र ऐसी भाषा है, जिसका सर्वाधिक प्रभाव एवं प्रचार भारत के विभिन्न प्रदेशों में रहा है। यह अधिकांश लोगों द्वारा समझी तथा बोली जाती रही है। सामान्य रूप से, पंजाब, बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारत के चारों राज्य अहिंदी-भाषी प्रदेश माने जाते हैं।

हिन्दी भाषा का अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप

भारत के बाहर भी हिंदी भाषा का विशेष महत्त्व है। हिंदी का प्रयोग शिक्षा, सामाजिक संपर्क और साहित्य में कई देशों में हो रहा है। इससे बताता है कि हिंदी का भौगोलिक विस्तार केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया में फैली हुई है। हिंदी, अंग्रेजी और मंदारिन चीनी के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।

प्रो. दिलीप सिंह के अनुसार हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय सन्दर्भ -

1. पहला पक्ष, अन्तरराष्ट्रीय सन्दर्भ में हिंदी का पहला पक्ष त्रिनिदाद, मॉरिशस, फीजी, गयाना आदि देशों से सम्बद्ध है, जहाँ हिंदी का व्यापक प्रयोग है। इन देशों के हिंदी-प्रेमी हिंदी को केवल एक भाषा के रूप में व्यवहार में नहीं लाते, बल्कि इसे अपनी संस्कृति का अंग भी समझते हैं। वे हिंदी को अपने ऐतिहासिक संबंधों की पहचान और भावनात्मक जुड़ाव का आधार मानते हैं।

2. दूसरा पक्ष, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कम्बोडिया, बर्मा, मलेशिया और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में हिंदी का सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रभाव है। यह इन देशों में प्रेरणा का स्रोत बनकर सामाजिक और सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करती है।

3. तीसरा पक्ष, विकसित देशों में हिंदी का स्थान है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, जापान, रूस, जर्मनी और इटली जैसे देशों में हिंदी को 'विदेशी भाषा' के रूप में अपनाया गया है। इन देशों में हिंदी के व्याकरण, साहित्य और शिक्षण सामग्री पर काम हो रहा है। इसके साथ ही, विद्वानों ने हिंदी साहित्य का अनुवाद कर इसे और समृद्ध किया है, जिससे यह भाषा इन देशों में भी अपनी पहचान बना चुकी है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा का विकास

  • भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि और बढ़ता वैश्विक प्रभाव हिंदी के बढ़ते महत्व में योगदान देता है। जैसे-जैसे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, व्यवसाय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में संलग्न होता है, हिंदी भाषा दक्षता की मांग बढ़ती है।
  • बॉलीवुड भारत का जीवंत फिल्म उद्योग, जिसकी प्राथमिक भाषा हिंदी है। उसके कई वैश्विक दर्शक वर्ग हैं। बॉलीवुड फिल्मों, संगीत और सांस्कृतिक निर्यात का प्रभाव हिंदी भाषा को विश्व स्तर पर फैलाने और भारतीय संस्कृति में रुचि बढ़ाने में मदद करता है।
  • एक पर्यटन स्थल के रूप में भारत की लोकप्रियता दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोगों को आकर्षित करती है। हिंदी पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों में संचार की भाषा बन गई है, जो इसकी वैश्विक प्रासंगिकता में योगदान दे रही है।

निष्कर्ष

हिंदी भाषा का भौगोलिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रभाव है। भारत में यह विभिन्न राज्यों में बोली जाती है, जबकि विश्वभर में इसे सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से अपनाया गया है। इसका विस्तार वैश्विक व्यापार, बॉलीवुड, और पर्यटन के माध्यम से हो रहा है।

Click Here For Full Notes

What do you think?

0 Response