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उत्तर - परिचय
प्रागैतिहासिक काल और आद्य इतिहास मानव इतिहास के शुरुआती चरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सभ्यताओं के विकास की नींव रखते हैं। प्रागैतिहासिक काल लेखन के आविष्कार से पहले के समय को दर्शाता है। दूसरी ओर, आद्य इतिहास में ऐसे समाज शामिल हैं जिनके पास किसी न किसी रूप में लेखन या अभिलेख थे। ये अवधियाँ प्रारंभिक मनुष्यों से लेकर अधिक संगठित समाजों तक मानवता के विकास को उजागर करती हैं, जो हमारी उत्पत्ति और विकास के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।
प्रागैतिहासिक काल का अर्थ-
प्रागैतिहासिक काल "Pre History" वह समय है जब मानव ने लेखन प्रणालीका आविष्कार नहीं किया था और इतिहास का कोई लिखित अभिलेख उपलब्ध नहीं था। यह काल मानवसभ्यता के प्रारंभिक चरण को संदर्भित करता है, जिसमें मानव ने अपनी सांस्कृतिक, सामाजिक और तकनीकी प्रगति की नींव रखी। भारत में, यह काल 0.6 से 0.7 मिलियन वर्षों तक विस्तारित था।
आद्य इतिहास (प्रोटोहिस्ट्री) का अर्थ-
आद्य इतिहास, जिसे अंग्रेज़ी में "Protohistory" कहते हैं, एक ऐसा काल है जो प्रागैतिहासिक काल और ऐतिहासिक काल के बीच आता है। इस काल में लेखन प्रणाली का विकास हो चुका था, लेकिन उस लेखन को समझने या पढ़ने की क्षमता अब तक विकसित नहीं हो सकी है। यह समय समाज, संस्कृति और सभ्यता के विकास का एक महत्वपूर्ण चरण है। यह काल भारत मे 3000 ई.पू से 600 ई.पू तक फैला।
प्रागैतिहासिक काल और आद्य इतिहास के बीच अंतर
निष्कर्ष
प्रागैतिहासिक काल में मानव ने शिकार और उपकरण निर्माण से शुरुआत की, जबकि आद्य इतिहास लेखन प्रणाली के विकास का समय था। भारत में प्रागैतिहासिक काल लाखों वर्षों तक फैला था, और आद्य इतिहास ने हड़प्पा सभ्यता और वैदिक युग जैसे संगठित समाजों को जन्म दिया। ये दोनों काल मानवता के विकास की नींव थे।
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