प्रश्न 1- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मूलभूत सिद्धांतों/ स्तंभों की व्याख्या करें।

May 24, 2025
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प्रश्न 1- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मूलभूत सिद्धांतों/ स्तंभों की व्याख्या करें।

उत्तर - परिचय

किसी भी देश के विकास की नींव शिक्षा है और शिक्षा नीतियों का निर्माण देश की विकास पर आधारित होता है। दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। शिक्षा शिक्षित बनाने की प्रक्रिया है, और नीति सरकारी निकायों द्वारा बनाया गया कानून या प्रशासनिक कार्य योजना है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020

  • अंतिम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी जिसमें वर्ष 1992 में संशोधन किया गया था
  • वर्तमान नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है।
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात(GER) को
    100% लाने का लक्ष्य रखा गया है।
  •  नई शिक्षा नीति के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर जीडीपी के 6% हिस्से के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है।
  • नई शिक्षा नीति की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020:

• नई शिक्षा नीति में 5 + 3 + 3 + 4 डिज़ाइन वाले शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव किया गया है जो 3
से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को शामिल करता है।

  1. पाँच वर्ष की फाउंडेशनल स्टेज - 3 साल का प्री-प्राइमरी स्कूल और ग्रेड 1,2
  2. तीन वर्ष का प्रीपेट्रेरी स्टेज
  3. तीन वर्ष का मध्य (या उच्च प्राथमिक) चरण- ग्रेड 6, 7, 8 और
  4. 4 वर्ष का उच (या माध्यमिक) चरण- ग्रेड 9, 10, 11, 12

NEP 2020 के तहत HHRO द्वारा 'बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन' की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इसके द्वारा वर्ष 2025 तक कक्षा-3 स्तर तक के बच्चों के लिये आधारभूत कौशल सुनिश्चित किया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के सिद्धांत:

1. समग्र और बहु-विषयक शिक्षा: एनईपी 2020 शिक्षा के लिए एक समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण पर जोर देता है, जो छात्रों के संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास सहित उनके समग्र विकास पर केंद्रित है।

2. शिक्षा में लचीलापन: नीति का उद्देश्य छात्रों को उनकी शिक्षा में अधिक लचीलापन और विकल्प प्रदान करना है, जिससे वे उन विषयों का चयन कर सकें जो वे पढ़ना चाहते हैं और सीखने के तरीके
जो उनके लिए सबसे अच्छा काम करते हैं।

3. बहुभाषावाद और भारतीय भाषाओं का प्रचार: NEP 2020 बहुभाषावाद के महत्व को पहचानता है और इसका उद्देश्य शिक्षा में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देना है। यह सभी छात्रों को कम से कम एक भारतीय भाषा सिखाने की आवश्यकता पर भी जोर देता है।

4. प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षणः नीति ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल संसाधनों सहित शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देती है। इसका उद्देश्य दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को डिजिटल शिक्षा तक पहुंच प्रदान करना भी है।

5. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: एनईपी 2020 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करे। यह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम सुधार और प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता पर बल देता है।

6. कौशल विकास: नीति का उद्देश्य महत्वपूर्ण सोच, समस्या समाधान और रचनात्मकता जैसे आवश्यक कौशल के विकास को बढ़ावा देना है, जो छात्रों के लिए 21वीं सदी में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

7. समावेश और समानता: एनईपी 2020 शिक्षा में समावेश और समानता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी छात्रों की सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच हो।

8. अनुसंधान और नवाचार: नीति शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देती है, संस्थानों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नई शिक्षण विधियों, तकनीकों और पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

9. सहयोग और साझेदारी: एनईपी 2020 नीति के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए संस्थानों, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के बीच सहयोग और साझेदारी की आवश्यकता पर जोर देती है।

10.अधिकार प्राप्त शैक्षिक संस्थान: नीति का उद्देश्य शिक्षण संस्थानों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता और लचीलापन देकर उन्हें नवाचार करने और बदलती जरूरतों और परिस्थितियों के अनुकूल होने की अनुमति देकर उन्हें सशक्त बनाना है।

निष्कर्ष

नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009
के अंतर्गत रखा गया है। 34 वर्षों पश्चात् आई इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा
प्रदान करना है जिसका लक्ष्य 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (3-6 वर्ष की आयु सीमा) को सार्वभौमिक
बनाना है।

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