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प्रश्न 1- ई-गवर्नेस का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसमें हिन्दी के प्रयोग का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
परिचय
प्रौद्योगिकी हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा बन गई है, इसने हमारे लिए सब कुछ आसान बना दिया है। प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ने पैसे के लेन-देन को सुरक्षित, तेज़ और मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त बना दिया है। वैश्वीकरण भी प्रौद्योगिकी की देन है। भारत में ई-गवर्नेस की शुरुआत इसी कारण हुई, जिसमें 'ई' का मतलब इलेक्ट्रॉनिक है और ई-गवर्नेस का अर्थ है सूचना प्रौद्योगिकी के साथ शासन।
ई-गवर्नेस का अर्थ
ई-गवर्नेस का अर्थ है, सूचना और संचार तकनीकी का उपयोग करके सरकारी सेवाओं का प्रबंधन और वितरण करना। यह सरकार, नागरिकों, व्यवसायों और अन्य सरकारी विभागों के बीच संचार को सुगम बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करता है। ई-गवर्नेस का प्रमुख उद्देश्य राज्य और नागरिकों के मध्य संबंध को मजबूत करना है। इसके साथ ही ई-गवर्नेस तकनीक का उपयोग करके सरकारी प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाता है, जैसे- ईमेल, वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन आदि।
ई-गवर्नेस में हिंदी के प्रयोग का महत्त्व
ई-गवर्नेस में हिंदी का प्रयोग न केवल भाषाई बाधाओं को तोड़ता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि सरकारी सेवाएँ एक व्यापक जनसंख्या तक पहुँच सकें। ई-गवर्नेस के अंतर्गत हिंदी के प्रयोग ने भारतीय प्रशासनिक प्रणाली में एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। इस परिवर्तन की नींव तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है- पहुँच, पारदर्शिता और प्रभावशीलता।
1. पहुँच : हिंदी में डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध होने से सरकारी सूचनाओं और सेवाओं की पहुँच ज्यादा लोगों तक पहुँचती हैं। यह उन नागरिकों के लिए विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है जिनकी पहली भाषा हिंदी है और जो अंग्रेजी में सहज नहीं हैं। डिजिटल इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से, सरकार ने विभिन्न सेवाओं जैसे कि आधार रजिस्ट्रेशन, डिजिटल लॉकर और ई-संजीवनी जैसी स्वास्थ्य सेवाओं को हिंदी में पेश करने पर जोर दिया है।
2. पारदर्शिता : हिंदी में ई-गवर्नेस की पहल पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देती है। जब सरकारी प्रक्रियाएँ और निर्णय लोगों की भाषा में उपलब्ध होते हैं, तो नागरिकों को अपनी सरकार से सवाल पूछने और उसकी जवाबदेही माँगने में आसानी होती है। इससे समाज में विश्वास और सहभागिता का वातावरण बनता है।
3. प्रभावशीलता : हिंदी में ई-गवर्नेस की सेवाएँ नागरिकों के लिए सरकारी कामकाज को आसन और अधिक प्रभावशील बनाती हैं। ऑनलाइन फॉर्म्स, आवेदन प्रक्रियाएँ और सूचना पोर्टल हिंदी में होने से, लोगों को अपने काम के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है।
अंतः हिंदी में ई-गवर्नेस के प्रयास नागरिकों के बीच डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देते हैं। जब लोग अपनी भाषा में डिजिटल सेवाओं का उपयोग करते हैं, तो वे अधिक सहज महसूस करते हैं और तकनीक के प्रति अपनी झिझक को दूर करते हैं। यह भारतीय समाज में डिजिटल डिवाइड को कम करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
चुनौतियाँ :
1. तकनीकी असमर्थता : एक बड़ी चुनौती यह है कि बहुत से लोग हिंदी में डिजिटल तकनीक के प्रति असमर्थ हो सकते हैं। डिजिटल उपकरणों, इंटरनेट कनेक्शन और डिजिटल प्रोसेस में कमी लोगों को ई-गवर्नेस के लाभों से वंचित कर सकती है।
2. भाषाई अड़चनें : कई लोगों को हिंदी में आधिकारिक दस्तावेजों या सरकारी सेवाओं को समझने में समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं, क्योंकि बहुत से वेबसाइट्स और एप्लिकेशन्स अधिकांश अंग्रेजी में ही उपलब्ध होते हैं।
3. सामग्री की गुणवत्ता : कई बार, हिंदी में ऑनलाइन सामग्री की गुणवत्ता में कमी होती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को असंतुष्टि हो सकती है और उन्हें अन्य भाषाओं की तरह लाभ नहीं मिल पाता।
समाधान :
1. तकनीकी शिक्षा : सरकार को हिंदी भाषा में तकनीकी शिक्षा और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि हर व्यक्ति डिजिटल तकनीक का सही तरीके से उपयोग कर सके।
2. भाषाई अनुवाद : सरकार को हिंदी में सरकारी साइटों और एप्लिकेशन्स को प्रदान करने के साथ ही उन्हें अन्य भाषाओं में अनुवाद करने की भी जरूरत है ताकि सभी नागरिकों को समान रूप से लाभ प्राप्त हो सके।
3. सामग्री की गुणवत्ता : का ध्यान सरकार को हिंदी में ऑनलाइन सामग्री की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि उपयोगकर्ता को सरकारी सेवाओं का समुचित लाभ मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
निष्कर्ष
हिंदी में ई-गवर्नेस सेवाओं की उपलब्धता नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकारी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने तथा डिजिटल इंडिया पहल को गति देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे एक प्रभावी, उत्तरदायी और समावेशी शासन प्रणाली की स्थापना संभव होती है।
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