Language Education in Hindi | B.A. SEM 5th

May 28, 2025
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Language Education in Hindi | B.A. SEM 5th

प्रश्न 1- भाषा किसे कहते है? शिक्षा में भाषा के महत्व का वर्णन कीजिए।

उत्तर - परिचय

'भाषा' शब्द संस्कृत की 'भाप' धातु से बना है जिसका अर्थ है 'बोलना' या 'कहना'। अर्थात् 'भाषा वह है जिसे बोला जाए'। भाषा मानव जीवन का एक अनिवार्य अंग है। यह विचारों, भावनाओं और ज्ञान को व्यक्त करने का माध्यम है। भाषा ही वह साधन है जिससे मानव अपनी संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान को पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित करता है। शिक्षा और भाषा का आपस में गहरा संबंध है, क्योंकि भाषा शिक्षा का आधारभूत माध्यम होती है।

भाषा :

भाषा सार्थक ध्वनि समूह का ऐसा साधन है जिसके माध्यम से मनुष्य अपने विचार अथवा भाव दूसरों के सामने प्रकट कर सकता है साथ ही दूसरों के विचारों और स्वभाव को भली भांति समझ सकता है उसे भाषा कहते हैं।

दूसरे शब्दों में, "जब मनुष्य अपनी वाणी से ऐसी ध्वनियां उच्चारण करता है, जो अर्थपूर्ण होती हैं और जिन
पर चर्चा की जा सकती है, तो उन्हीं ध्वनियों को "भाषा" कहा जाता है।"

'भाषा' के लिए विभिन्न शब्द

डॉ. कैलाश नाथ पाण्डेय ने अपनी पुस्तक 'भाषा और समाज' में विभिन्न भाषाओं में 'भाषा' के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्दों का उल्लेख किया है। जैसे- अंग्रेजी में भाषा के लिए 'लैंग्वेज' (Language) शब्द का प्रयोग होता है, ग्रीक में 'लेईखेनन', रूसी में 'यजिक', जर्मन में 'स्प्राखे', अरबी में 'लिस्सान' और फारसी में 'जबान' तथा उर्दू में 'जुबान' या 'जाँ' शब्द का प्रयोग होता है।

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भाषा की परिभाषाएँ :

  • प्लेटो ने 'सोफ़िस्ट' में विचार और भाषा के सम्बन्ध में लिखते हुए कहा है कि विचार और भाषा में थोड़ा ही अंतर है। 'विचार आत्मा की मूक या अध्वन्यात्मक बातचीत है, पर वही जब ध्वन्यात्मक होकर होठों पर प्रकट होती है तो उसे भाषा की संज्ञा देते हैं।'
  • स्वीट के अनुसार 'ध्वन्यात्मक शब्दों द्वारा विचारों को प्रकट करना ही भाषा है।'
  • डा० बाबूराम सक्सेना- जिन ध्वनि चिह्नों द्वारा मनुष्य परस्पर विचार विनिमय करता है उनको समष्टि रूप से भाषा कहते हैं।

शिक्षा में भाषा का महत्व

शिक्षा में भाषा का महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण और व्यापक है। भाषा शिक्षा के माध्यम के रूप में न केवल
ज्ञान को ग्रहण करने में सहायक होती है, बल्कि यह व्यक्तित्व विकास, सोचने-समझने की क्षमता और सांस्कृतिक मूल्यों को संचारित करने का एक प्रमुख साधन भी है।

1. ज्ञान का माध्यम: भाषा शिक्षा का सबसे प्राथमिक और आवश्यक माध्यम है। विद्यार्थी उसी भाषा में
विषयों को बेहतर समझ पाते हैं, जिसमें वे सहज महसूस करते हैं। मातृभाषा में शिक्षा से बच्चों की जिज्ञासा
और रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलता है।

2. सोचने और अभिव्यक्ति का साधन : भाषा हमें अपनी सोच को व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से व्यक्त
करने की शक्ति देती है। यह तर्क-वितर्क, विश्लेषण और समाधान खोजने की क्षमता को विकसित करने में
मदद करती है।

3. सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान : भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक पहचान का
प्रतीक है। शिक्षा के माध्यम से भाषा का ज्ञान हमें अपनी परंपराओं और मूल्यों से जोड़ता है और वैश्विक स्तर पर दूसरों के साथ संवाद करने की क्षमता प्रदान करता है।

4. बहुभाषीय शिक्षा का महत्व : आज के समय में एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है।
अंग्रेजी जैसी वैश्विक भाषाओं के साथ-साथ मातृभाषा का ज्ञान भी बच्चों को बहुभाषीय, बहुसांस्कृतिक और
बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करता है।

5. समावेशिता और समानता : भाषा शिक्षा में समावेशिता और समानता सुनिश्चित करती है। यह सभी
विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान करती है, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि से आते हों।

निष्कर्ष

भाषा शिक्षा का मूलभूत अंग है। यह न केवल ज्ञान का संचार करती है, बल्कि व्यक्तित्व विकास और समाज के साथ जुड़ने में भी मदद करती है। शिक्षा में भाषा की उचित समझ और उपयोग से ही एक सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है।

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