NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 7

Aug 01, 2025
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NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 7

NIOS Class-10th Chapter wise Important Topics

गृह विज्ञान (216) | हिंदी में

Ch- 7. स्‍वास्‍थ

प्रश्न 16. एक व्यक्ति के अच्छे शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य के लक्षणों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर - एक व्यक्ति के अच्छे शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य के लक्षण इस प्रकार हैं :

  1. अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण

जब आपका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है तो:

  • आप ऊर्जापूर्ण तथा सतर्क बने रहते हैं;
  • आपका वजन आपकी आयु तथा लंबाई के अनुरूप सामान्य रहता है।
  • आपकी आँखें तेज तथा चमकदार रहती हैं और आपकी त्वचा साफ व सुंदर रहती है।
  • प्राकृतिक रंग व रूप के साथ आपके बालों का सामान्य विकास होता रहता है।
  • आपका पाचन तंत्र अच्छा रहता है और आपको अच्छी नींद आती है।

ऐसे लोग सक्रिय, प्रतिक्रियाशील तथा प्रसन्न रहते हैं और तुलनात्मक दृष्टि से अधिक मेहनत और अच्छा कार्यनिष्पादन कर सकते हैं।

  1. अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण

यदि आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है तो आपका:

  • अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रहता है।
  • इच्छाओं, आकाँक्षाओं, लक्ष्य तथा विचार में संतुलन होता है।
  • जीवन की वास्तविकताओं को स्वीकार करने तथा उनका सामना करने में सक्षम होते हैं।
  • अपनी क्षमताओं के प्रति आत्मविश्वास उत्पन्न होता है।
  • अन्य व्यक्तियों के प्रति सहयोग की भावना रहती है।
  • आवश्यकता पड़ने पर दूसरों की मदद लेने की क्षमता विकसित होती है।

ऐसे व्यक्ति सृजनात्मक ढंग से कार्य कर सकते हैं और समाज के प्रति अपना योगदान करते हैं।

  1. अच्छे सामाजिक स्वास्थ्य के लक्षण

यदि आपका सामाजिक स्वास्थ्य अच्छा है तो आपका:

  • जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रहता है।
  • दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार रहता है।
  • मोहक व्यक्तित्व होता है।
  • दूसरों के प्रति अपने दायित्वों और कर्तव्यों का पालन करते हैं।
  • असहमति को सकारात्मक रूप में स्वीकार करते हैं।

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प्रश्न 17. व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारको का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर - व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं :

  1. संतुलित आहार

"संतुलित आहार" वह आहार है जिसमें एक निश्चित आयु में एक व्यक्ति की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज तथा रेशे सही अनुपात में उपलब्ध हों। एक किशोर बालक को प्रतिदिन लगभग 2400 से 2600 कैलोरीज ऊर्जा की आवश्यकता होती है और एक किशोर बालिका को 2500 कैलोरीज ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

  1. व्यक्तिगत स्वच्छता

स्वयं को रोगों से मुक्त रखने तथा अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने  के लिए आपको निरन्तर स्वच्छता का अनुसरण करना चाहिए। हमारे दिन-प्रति-दिन के जीवन में कुछ सामान्य क्रियाएँ होती हैं जो संक्रामक रोगों से हमें बचाती हैं। ये क्रियाएँ हैं:

  • नियमित रूप से स्नान करना तथा साफ कपड़े पहनने चाहिए।
  • नियमित रूप से शौच करने से शारीरिक रूप से तंदुरुस्त तथा स्वस्थ बने रहते हैं।
  • भोजन से पूर्व हाथों को अवश्य धोना चाहिए। जहाँ हाथों को धोने के लिए साबुन उपलब्ध न हो वहाँ राख का प्रयोग किया जा सकता है।
  • प्रतिदिन दाँतों को ब्रश करने से दाँतों के बीच में कीटाणु विकसित नहीं हो पाते हैं। रात में सोने से पहले दाँतों को ब्रश करना एक अच्छी आदत है।
  • बालों को नियमित रूप से धोने, कंघी करने और नाखूनों को छोटा व साफ रखना चाहिए। नाखून को मुँह से काटना अच्छी आदत नहीं है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। पानी से आँखों को धोने आँखें धूल तथा कीटाणुओं से मुक्त रहती हैं।
  1. घरेलू स्वच्छता

घर में झाड़ू और पोछा लगाना चाहिए ताकि हमारा घर साफ-सुथरा और धूल, मक्खियों और कीटाणुओं से मुक्त रह सके। कूड़ेदान में कूड़ा फेंकने से आस-पास का क्षेत्र साफ-सुथरा रहता हैं। इससे मच्छरों और मक्खियों से बचाव होता है और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियाँ नहीं होती हैं।

  1. भोजन स्वच्छता
  • फलों और सब्जियों को खाने व पकाने से पूर्व साफ पानी में धोना चाहिए ताकि उन्हें कीटाणुओं तथा कीटनाशकों (पौधों को कीट मुक्त रखने के लिए रसायनों का छिड़काव करना) से मुक्त किया जा सके।
  • भोजन को साफ रसोई में तथा साफ-सुथरे तरीके से तैयार करना चाहिए।
  • भोजन पकाते समय, उसे उच्च तापमान पर गर्म करना चाहिए ताकि उसमें विद्यमान कीटाणु नष्ट हो जाएँ ।
  • पके हुए भोजन को ताजा ही खाना चाहिए या फिर ढक कर और ठंडे, शुष्क तथा कीटाणुमुक्त स्थान पर रखना चाहिए।
  • दूध को रेफ्रिजरेटर में रखना चाहिए और यदि इसे बाहर रखना है तो इसे पुनः उबालना चाहिए ताकि इसे कीटाणुमुक्त रखा जा सके।
  1. व्यायाम

नियमित रूप से चलने तथा शारीरिक व्यायाम करने से स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। बाहरी खेल हृदय तथा परिसंचरण तंत्र को सुचारु बनाए रखता है। पैदल चलने से जोड़ तथा हड्डियाँ स्वस्थ रहती हैं।

  1. नियमित नींद तथा आराम

मस्तिष्क तथा शरीर को आराम की आवश्यकता होती है। एक हल्की झपकी, नियमित नींद तथा कुछ समय के लिए आराम आपके शरीर तथा मस्तिष्क को पुनः तरोताजा कर देता है व शरीर को दोबारा ऊर्जा प्राप्त हो जाती है। इस प्रक्रिया से शरीर के ऊतकों के पुनर्निर्माण में भी सहायता मिलती है।

  1. धूम्रपान, मदिरापान तथा नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।

स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को धूम्रपान, तम्बाकू, पान, गुटका तथा मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इन पदार्थों का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जैसे वृक्क का खराब होना, हृदय संबंधी समस्या, दाँतों तथा मसूड़ों का खराब होना और मुँह के अन्य ऊतकों की समस्याएँ।

 

 

प्रश्न 18. प्रतिरक्षण क्या है ? प्रतिरक्षण के प्रकार बताइए ।

उत्तर - प्रतिरक्षण : रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं सहित बाहरी कारकों के विरुद्ध स्वयं को सुरक्षा प्रदान करने की शरीर की अपनी समग्र क्षमता को प्रतिरक्षण (Immunity) कहते हैं

प्रतिरक्षण के दो प्रकार है :

  1. प्राकृतिक प्रतिरक्षा (Natural immunity) - यह प्रतिरक्षा व्यक्ति को जन्म से ही प्राप्त होती है और यह हमारे शरीर में किसी बाहरी रोगवाहक के प्रवेश के प्रति सामान्य सुरक्षा प्रदान करती है। यदि रोग शरीर में प्रवेश कर भी लेते हैं तो भी वे नष्ट हो जाते हैं। यह पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले कणों को नष्ट कर देता है।
  2. उपार्जित प्रतिरक्षा (Acquired immunity) - यह प्रतिरक्षा व्यक्ति के जीवनकाल के दौरान विकसित होती है और इसलिए इसे उपार्जित या कृत्रिम प्रतिरक्षा कहते हैं। यह एंटीजन के जवाब में एंटीबॉडी के उत्पादन के सामान्य सिद्धांत पर काम करता है। एंटीबॉडीज़ शरीर की विशेष रक्षा कोशिकाओं, लिम्फोसाइटों द्वारा निर्मित प्रोटीन अणु होते हैं। ये श्वेत रक्त कोशिकाएं हैं।

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