NIOS Class 10th Home Science (216) Question Paper Solution OCT 2024 SET C

Jul 30, 2025
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NIOS Question Paper OCT 2024 SET C

गृह विज्ञान (216) - खण्ड 'ब' (Section B) | हिंदी में

Question 42-47

42. अपने नए घर में रसोईघर की योजना बनाते समय आप कौन सी छः विशेषताएं सुनिश्चित करेंगे?

उत्तर - :रसोईघर की छह प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  • प्राकृतिक प्रकाश: रसोई में सूर्यप्रकाश प्रत्यक्ष रूप से आना चाहिए, क्योंकि इससे कीटाणु नष्ट होते हैं।
  • निकासी व्यवस्था: रसोई में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए और मक्खियाँ तथा मच्छर न आ सकें, इसके लिए जालीदार दरवाजे होने चाहिए।
  • प्रकाश व्यवस्था: दिन और रात दोनों समय पर्याप्त प्रकाश होना चाहिए।
  • स्वच्छ वायु: रसोई की दीवारों से बाहरी वायु और प्रकाश प्राप्त होनी चाहिए।
  • एग्जॉस्ट फैन: धुएँ को बाहर निकालने के लिए एग्जॉस्ट फैन लगाया जा सकता है।
  • फर्श का रंग: रसोई की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए ताकि वह प्रकाश को फैलाए।

अथवा

कमरों की अच्छी तरह सफाई करने के छः चरणों को क्रम में लिखिए।

उत्तर - :कमरों की अच्छी तरह सफाई करने के छः चरण निम्नलिखित हैं :

  • सर्वप्रथम सामान हटाएँ : कमरे में पड़े हुए सभी फर्नीचर, पर्दे, गद्दे आदि को हटा लें।
  • धूल झाड़ना : सभी सतहों, फर्नीचर, अलमारियाँ, और दीवारों से धूल साफ करें।
  • फर्श की सफाई : कमरे के फर्श को अच्छे से पोछें या वैक्यूम करें।
  • खिड़कियाँ और दरवाजे साफ करें : खिड़कियाँ, दरवाजे और उनसे जुड़ी जाली या पर्दे साफ करें।
  • साफ-सफाई की जाँच करें : कमरे में किसी स्थान पर कोई गंदगी या धूल न छोड़े, इसे ध्यान से जांचें।
  • पोछा लगाना : अंत में फर्श पर पोछा लगाना चाहिए। फर्श पर पोछा लगाने वाले पानी में फिनाइल जैसे विसंक्रामक का प्रयोग करना चाहिए।

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43. मटर को फ्रीज़ करने (जमाने) के चरणों का क्रम बताइए।

उत्तर - :मटर को फ्रीज़ करने (जमाने) के चरण :

चरण 1 : करीब आधा किलो ताजा, कोमल व छिले हुए मटर लें।

चरण 2 : एक स्टेनलैस स्टील के बर्तन में काफी मात्रा में पानी लें, जिसमें कि मटर पूरी डूब जाएँ। आधा लीटर पानी में एक छोटे चम्मच के बराबर मात्रा में नमक डालें तथा इसे उबालने के लिए रखें।

चरण 3 : मटर को उबलते हुए घोल में करीब दो मिनट के लिए डुबो दें।

चरण 4 : मटर को स्टेनलेस स्टील की जाली पर पलट दें तथा 10-15 मिनट इसे ठंडा होने दें।

चरण 5 : पॉलीथिन की थैली में मटर को पैक कर दें तथा थैली की हवा को दबा कर निकाल दें व थैली को सील बंद कर दें।

चरण 6 : मटर की थैलियों को फ्रीजर में रख दें।

44. इस महीने सुचिता को बीमार होने के कारण 2,000 रुपये की दवाइयां खरीदनी पड़ी। उसे तीन-तीन तरीके सुझाइए जिससे वह

(i) अपनी आय बढ़ा सके और

(ii) अपने खर्चे कम कर सके।

उत्तर -

 (i) आय बढ़ाने के तीन तरीके :

  • अपनी क्षमताओं, ज्ञान व कौशल के आधार पर कार्य करना। जैसे- ट्यूशन पढ़ाना, कपड़े सिलना, हैंडीक्राफ्ट की वस्तुएँ बनाना आदि।
  • पार्ट टाइम कार्य करना।
  • ओवर टाइम कार्य करना।

 (ii) खर्चे कम करने के तीन तरीके :

  • मौसम के अनुसार फल व सब्जियों की खरीदारी करें।
  • भोजन को बर्बाद न करें व बाहर भोजन करने की आदत को कम करें।
  • बिजली, पानी आदि पर होने वाले व्यय को नियंत्रित करें।

45. मृदा प्रदूषण के कारण होने वाले किन्हीं दो स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान कीजिए। इस प्रदूषण को रोकने के लिए चार सुझाव दीजिए।

उत्तर - :मृदा प्रदूषण के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिम इस प्रकार हैं :

  • हृदय रोग व कैंसर
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं

मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए चार सुझाव :

  • घर के कूड़े-कचरे का उचित निपटान होना चाहिए ताकि इस पर मक्खियाँ, मच्छर और कॉकरोच न पनप सकें। साथ ही, पर्यावरणसहिष्णु वस्तुओं का प्रयोग करें।
  • खुले में शौच जाने के बजाय स्वच्छ शौचालयों का प्रयोग करना चाहिए।
  • कीटनाशक तथा उर्वरकों का सीमित प्रयोग करना चाहिए।
  • पेड़-पौधे मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और प्रदूषण को कम करते हैं, इसलिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।

अथवा

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प्रदूषित वायु में वृद्धि के छः संभवित कारण क्या हैं?

उत्तर - :प्रदूषित वायु में वृद्धि के छः संभवित कारण :

  • घरेलू ईंधन (लकड़ी, कोयला आदि) का जलना।
  • पटाखों और आतिशबाजी का धुआँ।
  • निर्माण कार्यों और सड़क धूल से उत्पन्न प्रदूषण।
  • पेट्रोल और डीजल वाहनों से निकलने वाले धुएं में हानिकारक गैसें होती हैं, जो वायु को प्रदूषित करती हैं।
  • फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाली गैसें वायु प्रदूषण में वृदि करती हैं।
  • विलायकों तथा स्प्रे पेंट के प्रयोग से भी पर्यावरण प्रदूषित होता हैं।

46. किशोरों में आत्म-सम्मान को विकसित करने के कोई पाँच तरीके सुझाइए।

उत्तर - : किशोरों में आत्म-सम्मान विकसित करने के लिए पाँच तरीके निम्न है :

  • कारात्मक आत्म-चर्चा : किशोरों को अपने बारे में सकारात्मक बातें सोचने और कहने की आदत डालनी चाहिए। यह उन्हें अपने आत्म-सम्मान को मजबूत करने में मदद करता है।
  • सक्षम बनाना : किशोरों को अपनी क्षमताओं को पहचानने और उनका उपयोग करने के अवसर देने चाहिए। इससे उनका आत्म-सम्मान बढ़ता है।
  • समर्थन और प्रोत्साहन : परिवार और शिक्षकों द्वारा किशोरों को समर्थन और प्रोत्साहन करना चाहिए। इससे किशोरों में आत्म-सम्मान बढ़ता है।
  • सामाजिक रिश्तों का महत्व : किशोरों को स्वस्थ सामाजिक रिश्तों के महत्व को समझाना चाहिए। जब वे दोस्ती और परिवार में अच्छे रिश्ते बनाते हैं, तो उनका आत्म-सम्मान बेहतर होता है।
  • स्वस्थ जीवनशैली : नियमित व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त नींद किशोरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाते हैं। जब किशोर अपने शरीर और मानसिक स्थिति को लेकर अच्छा महसूस करते हैं, तो उनका आत्म-सम्मान स्वाभाविक रूप से बेहतर होता है।

अथवा

किशोरावस्था के दौरान मासिक धर्म के संबंध में कोई पाँच मिथक और तथ्य की सूची बनाइए।

उत्तर - :किशोरावस्था के दौरान मासिक धर्म के संबंध में पाँच मिथक और तथ्य की सूची :

मिथक

तथ्य

रजोधर्म के दौरान लड़कियों को कोई काम नहीं करना चाहिए।

 

जब तक लड़कियाँ ठीक महसूस करती हैं उन्हें अपना दैनिक कार्य करते रहना चाहिए। यद्यपि चलना तथा व्यायाम उसे ऐंठन तथा पीड़ा से राहत प्रदान कर सकते हैं।

रजोधर्म एक असामान्य स्थिति है।

यह एक प्राकृतिक क्रिया है, हालाँकि इस अवधि के दौरान कुछ लड़कियाँ कम ऊर्जायुक्त महसूस करती हैं। उन्हें ऐंठन, कमरदर्द, सिरदर्द, पेट दर्द या भूख न लगने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

रजोधर्म को विलंबित करने या उनमें तीव्रता लाने के लिए दवा लेनी चाहिए।

रजोधर्म को विलंबित करने या उनमें तीव्रता लाने के लिए दवा नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। यदि आवश्यकता हो, तो चिकित्सक से सलाह लें।

रजोधर्म के दौरान स्नान करने से ऐंठन होती है।

रोजाना गुनगुने पानी से स्नान करने पर माँसपेशियों को आराम मिलता है तथा पीड़ा में कमी होती है। शारीरिक स्वच्छता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से रजोधर्म के दौरान। रजोधर्म के दौरान साफ सेनेटरी नेपकिन का प्रयोग व प्रत्येक छह घंटे के पश्चात बदल देना चाहिए।

रजोधर्म के दौरान महिला को रसोईघर में प्रवेश नहीं करना चाहिए।

इस बात का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि महिला को इस अवधि में रसोई में कार्य नहीं करना चाहिए, जैसे अचार को स्पर्श नहीं करना चाहिए या सामाजिक तथा धार्मिक समारोहों में भाग नहीं लेना चाहिए।

 

47. अपनी बहन को रंगीन सूती कपड़े घर पर धोने के लिए कोई पाँच निर्देश दीजिए।

उत्तर -  रंगीन सूती कपड़े घर पर धोने के लिए निर्देश इस प्रकार हैं :

  • यदि किसी सूती कपड़े का रंग निकलता हो तो उसे भिगो कर न रखें।
  • रंगीन सूती कपड़ों को धोने के लिए हल्के या न्यूट्रल साबुन का प्रयोग करें।
  • रंगीन सूती कपड़ों को धोने के लिए मसलने व निचोड़ने की पद्धति का प्रयोग करें।
  • कपड़े को अच्छी तरह से निचोड़ें तथा अंतिम बारी में कपड़े को उल्टा करके उस पर माँड लगाएँ।
  • रंगीन सूती कपड़ों को छाया में सुखाना चाहिए। यदि कपड़े में कुछ नमी रह जाए तो इस्त्री करने के पश्चात जब कपड़ें पूरी तरह से सूख जाएँ तभी उन्हें संभाल कर रखें।

अथवा

आपने एक रंगाई इकाई स्थापित की है। अपने कर्मचारियों को बाटिक प्रक्रिया और चार अलग-अलग चरणों के बारे में समझाइए, जिनसे विभिन्न वस्त्रों को रंगा जाता है।

उत्तर -  बाटिक प्रक्रिया का परिचय : बाटिक एक प्राचीन कला है, जिसमें मोम और रंगों का उपयोग करके कपड़े पर सुंदर और जटिल डिज़ाइन बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में कपड़े के उन हिस्सों को मोम से ढक दिया जाता है, जिन्हें रंग से बचाना होता है, और फिर डाई का उपयोग किया जाता है।

बाटिक प्रक्रिया के चार चरण :

1) डिज़ाइन और मोम लगाना (Waxing) :

  • कपड़े पर मनचाहा डिज़ाइन तैयार किया जाता है।
  • गर्म मोम (पिघला हुआ) का उपयोग करके डिज़ाइन के अनुसार कपड़े के कुछ हिस्सों को कवर किया जाता है।
  • यह मोम उस क्षेत्र को डाई से बचाता है, जिससे पैटर्न उभरता है।

2) पहली रंगाई (Dyeing) :

  • मोम लगे कपड़े को पहले हल्के रंग की डाई में डुबोया जाता है।
  • मोम लगे हिस्से रंग से सुरक्षित रहते हैं, जबकि बाकी कपड़ा रंग को सोख लेता है।
  • रंगाई के बाद कपड़े को सुखाया जाता है।

3) अधिक रंग और मोम लगाना (Waxing and Overdyeing) :

  • डिज़ाइन में और गहराई और विविधता जोड़ने के लिए मोम को फिर से नए क्षेत्रों पर लगाया जाता है।
  • कपड़े को एक गहरे रंग की डाई में फिर से डुबोया जाता है।
  • यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक सभी रंगों को प्राप्त नहीं कर लिया जाता।

4) मोम हटाना और अंतिम रूप (Wax Removal and Finishing) :

  • कपड़े को गर्म पानी में उबालकर या इस्त्री करके मोम हटाया जाता है।
  • मोम हटने के बाद कपड़े पर सुंदर और जटिल डिज़ाइन उभरकर आता है।
  • अंतिम कपड़े को धोकर सुखाया जाता है और उपयोग के लिए तैयार किया जाता है।

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