NIOS CLASS 10TH Natyakala (285) SOLVED TMA PDF IN HINDI SESSION 2024 - 25

Jun 11, 2025
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प्रश्न 1.
(क) सामवेद में दिए गए गान रूपी नाट्य तत्त्वों की एक सूची बनाइये ।
उत्तर - सामवेद में दिए गए गान रूपी नाट्य तत्त्वों की सूचीः
 - तत (वीणा आदि),
 - अवनद्ध (मृदंग, पटह आदि)
 - सुशीर (वंशी, वेणु आदि) और
 - घन (झाल आदि)।
वस्तुतः गीत और वाद्य का समुचित रूप नाट्य के महत्वपूर्ण तत्त्व के रूप में माना गया है।

प्रश्न 2.
(ख) पाँच कार्यावस्थाओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर - नाटक की पांच कार्यावस्थाएं इस प्रकार हैं:
1. आरम्भ : कथावस्तु में प्रचुर फल की प्राप्ति के लिए उत्सुकता मात्र होना ही आरम्भ कहलाता है।
2. यत्न : कथावस्तु में फल के प्राप्त न होने पर अत्यन्त वेगपूर्वक उद्योग करना प्रयत्न कहलाता है।
3. प्राप्त्याशा : कथावस्तु में फल प्राप्ति के उपाय (साधन) और अपाय (विघ्न बाधाओं) दोनों के बीच की अवस्था में जब दोनों की खींचातानी में फल प्राप्ति का निश्चय न किया जा सके उसे प्राप्त्याशा कहते हैं।
4. नियताप्ति : कथावस्तु में फल प्राप्ति में बाधाओं के दूर हो जाने से निश्चित फल की प्राप्ति को नियताप्ति कहते हैं।
5. फलागम : कथावस्तु में समग्र फल की प्राप्ति को फलागम कहते हैं।

प्रश्न 3. (ख) प्रतिमानाटक के पाँचवे अंक का संक्षिप्त में सार लिखिए।
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प्रश्न 4. (क) प्रतिमानाटक के किन्ही दो पात्रों का चरित्र चित्रण लिखिए ।

प्रश्न 5. (क) नागानंद नाटक के रचयिता श्री हर्षवर्धन का सामान्य परिचय लिखिए ।

प्रश्न 6. (ख) रंगमंच के विभिन्न प्रकारों की सूची बनाते हुए उन्हें विस्तार से समझाइए ।

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