NIOS CLASS 12TH History (315) SOLVED TMA In Hindi Medium PDF SESSION 2024 - 25

Jun 28, 2025
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प्रश्न 1 (a) - भारतीय इतिहास के औपनिवेशिक विवरणों के पुनर्मूल्यांकन पर स्वतंत्रता के बाद के भारतीय इतिहासलेखन के प्रभावों की चर्चा कीजिए।

उत्तर - स्वतंत्रता के बाद भारतीय इतिहासलेखन ने औपनिवेशिक दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन किया। के.पी. जायसवाल और आर.सी. मजूमदार ने प्राचीन भारत में गणतंत्र और स्वशासन की अवधारणा को उजागर किया। डी.डी. कोसांबी और ए.एल. बाशम जैसे लेखकों ने सामाजिक-आर्थिक इतिहास पर जोर दिया। इस तरह अंग्रेजी लेखकों द्वारा गढ़ी गई मिथकों को तोड़ते हुए भारतीय इतिहास का नया और सटीक चित्र प्रस्तुत किया गया।

प्रश्न 2. (a) - छठी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान नए धर्मों के उद्भव में योगदान देने वाले सामाजिक- आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर - छठी शताब्दी ईसा पूर्व में कृषि की उन्नति, व्यापार का विकास, और शहरीकरण ने सामाजिक असमानता को बढ़ावा दिया। वैश्यों और व्यापारिक समूहों के उभरने से वे वैदिक ब्राह्मणवादी व्यवस्था से असंतुष्ट थे। बौद्ध और जैन धर्मों ने शांति, अहिंसा, और सामाजिक समानता पर जोर दिया, जिससे जनता ने इन नए धर्मों को अपनाया

प्रश्न 3 (a) - उन प्रमुख कारकों की जांच कीजिए जिनके कारण विजयनगर साम्राज्य और बहमनी सल्तनत के बीच लंबे समय तक संघर्ष हुआ।
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प्रश्न 4 (b) - भारत पर औपनिवेशिक भू-राजस्व नीतियों के प्रभावों की जांच कीजिए।

प्रश्न 5 (a) - औद्योगीकरण और सामाजिक वर्गों के उदय के बीच संबंधों का परीक्षण कीजिए।

प्रश्न 6 (b) - 20वीं सदी की दुनिया में हुए सामाजिक परिवर्तन के पैटर्न का आलोचनात्मक अध्ययन करें। अपने अध्ययन के आधार पर,
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