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प्रश्न 1 (a) - 'समाजशास्त्र की हमारे जीवन में व्यावहारिक प्रांसगिकता हैं'। इस आशय को उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - समाजशास्त्र हमारे जीवन में व्यावहारिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें सामाजिक परिस्थितियों को समझने, सांस्कृतिक सवेदनशीलता बढ़ाने और नीतियों के परिणामों का मूल्यांकन करने में मदद करता है। उदाहरणस्वरूप, विभिन्न संस्कृतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाकर हम समाज में समावेशिता को बढ़ावा दे सकते हैं।
प्रश्न 2 (b) - आप किस प्रकार प्रतिमान को अपने जीवन का अभिन्न अंग मानते हैं?
उत्तर- प्रतिमान मेरे जीवन का अभिन्न अंग हैं क्योंकि वे मेरे व्यवहार को निर्देशित करते हैं और सामाजिक संबंधों को स्थापित करते हैं। उदाहरण के लिए, बड़े लोगों का आदर करना या सामाजिक अवसरों पर सही आचरण अपनाना, मेरे जीवन में प्रतिमानों की महत्वपूर्ण भूमिका दर्शाता है।
प्रश्न 3 (b) - आपके अनुसार शिक्षा के द्वारा पर्यावरण के प्रभावों के प्रति जागरुकता कैसे जगाई जा सकती है।
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प्रश्न 4 (a) – प्रतिस्पर्धा एक सामाजिक प्रक्रिया है, जो प्रत्येक मानव समाजों तथा संस्कृतियों में मिलती है। प्रतिस्पर्धा की प्रक्रिया को उचित उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
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प्रश्न 5 (b) आपके विचार से राष्ट्रीय एकीकरण की चुनौतियां कौन-कौन सी हैं।
प्रश्न 6 (b) - अपने इलाके में किन्हीं 10 परिवारों से मिले और उनसे संस्कृति पर पड़ने वाले टेलिविजन के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के विषय में पूछें। साक्षात्कार व चर्चा के आधार पर एक रिर्पोट लिखें।
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