Hindi : B जनसंचार और रचनात्मक लेखन Notes | DU SOL B.A Prog./Hons Semester 3rd/4th

May 17, 2025
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Hindi : B जनसंचार और रचनात्मक लेखन Notes | DU SOL B.A Prog./Hons Semester 3rd/4th

प्रश्न 1 - रचनात्मक लेखन का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसका महत्त्व प्रतिपादित कीजिए।

अथवा

रचनात्मक लेखन के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

परिचय

साहित्य एक ऐसा विशिष्ट माध्यम है जिसमें भाषा के द्वारा मनुष्य अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है, जो कि रचनात्मकता के द्वारा  किया जाता है। रचनात्मकता से तात्पर्य साहित्य अथवा कला के निर्माण की उस प्रक्रिया से है जिसके द्वारा लेखक अथवा कलाकार कला के अनेक माध्यमों के द्वारा अपनी भावनात्मकता को अभिव्यक्ति देता है। विद्वानों द्वारा इसे सृजनात्मकता भी कहा गया है।

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रचनात्मक लेखन

अर्थ : किसी व्यक्ति द्वारा अपने ज्ञान के आधार पर और बिना किसी दूसरे की सहायता के किसी भी प्रकार का किया गया नया वर्णन जो कि काफी अलग हो ओर जिसकी रचना भी पहली बार हुई हो, रचनात्मक लेख कहलाता है, इस कार्य को करने की विधि रचनात्मक लेखन है।

परिभाषा : “किसी विषय या विचार को अपनी अद्वितीय दृष्टिकोण, विचारधारा, और अनुभव के माध्यम से व्यक्त करना, रचनात्मक लेखन कहलाता है।”

  • रचनात्मक लेखन कल्पनाशील और अनूठे तरीकों से विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्दों का उपयोग करने की कला है।
  • यह एक लेखन शैली है जो सिर्फ व्याकरण और नियमों पर नहीं, बल्कि कहानी कहने और व्यक्तिगत भावनाओं को व्यक्त करने पर जोर देती है।
  • यह एक लेखन शैली है जो सिर्फ व्याकरण और नियमों पर नहीं, बल्कि कहानी कहने और व्यक्तिगत भावनाओं को व्यक्त करने पर जोर देती है।

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रचनात्मक लेखन का महत्त्व:

लेखन एक कला है जो मनुष्य को जन्मजात प्राप्त नहीं होती। इसे मनुष्य बहुत अधिक अभ्यास के द्वारा ही ग्रहण कर सकता है।

1. कला के रूप में लेखन : लेखन को कला के रूप में देखना एक अद्वितीय दृष्टिकोण है। यह विचारों, भावनाओं और अनुभवों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत करने का साधन है। लेखन की कला पाठकों को समझने में मदद करती है और समाज को विचारों से जोड़ती है।

2.  कृतज्ञता की अभिव्यक्ति  : इसका अर्थ है किसी के प्रति धन्यवाद या आभार प्रकट करना। यह किसी के द्वारा किए गए उपकार, सहयोग या सहायता के प्रति सम्मान और प्रशंसा को व्यक्त करना होता है।

  • वागीश शुक्ल के अनुसार “पढ़ना एक ऋण का स्वीकार है और लिखना उस ऋण की अदायगी।” लेखन कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है, यानी लेखक अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से समाज को कुछ लौटाता है।

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3.  लेखन की विशेषता  : लेखन केवल घटनाओं का विवरण नहीं है, बल्कि यह एक कला है जो सबके लिए समान रूप से आसान नहीं होता। एक अच्छे संवाददाता को अपनी लेखनी में कौशल होना आवश्यक है, ताकि वह दर्शन और श्रवण से प्राप्त अनुभूतियों को प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सके।

  • यह कला घटनाओं को सजीव, रोचक, स्पष्ट, सरल, सत्य और साधारण रूप में प्रस्तुत करने की क्षमता प्रदान करती है, जो एक श्रेष्ठ संवाददाता बनने के लिए जरूरी है।

4. व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति : रचनात्मक लेखन लेखकों को उनके व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण साधन प्रदान करता है। जिससे लेखक अपने विचारों, अनुभवों और धारणाओं को शब्दों के माध्यम से प्रकट करता है और समाज को एक नई दृष्टि से देखने का प्रयास करता है।

  • साथ ही, लेखक अपनी निजी सोच के फलस्वरूप ही सामाजिक सत्य को अपनी दृष्टि के अनुसार ही अभिव्यक्ति प्रदान करता है।

5.  साहित्य की पुनर्रचना  : साहित्यिक रचनाकार समाज की वास्तविकता को अपनी दृष्टि से देखता, समझता और महसूस करता है। रचनात्मक लेखन से वास्तविकता की पुनर्रचना होती है, जिसे रचनाकार अपने प्रातिभा कौशल से एक नया रूप प्रदान करता है।

 

निष्कर्ष:

रचनात्मक लेखन साहित्य का महत्वपूर्ण अंग है, जो कला के रूप में विचारों और भावनाओं को प्रकट करता है। यह विशेषता, कृतज्ञता और व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति का माध्यम होता है, साथ ही साहित्य की पुनर्रचना करता है। इसके माध्यम से लेखक समाज को नई दिशा देता है और जीवन की वास्तविकता को साझा करता है। इसलिए, रचनात्मक लेखन का महत्त्व शिक्षा, साहित्य और समाज में व्यापक है।

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