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प्रश्न 1: नागरिक समाज क्या है? राज्य के साथ इसके संबंध पर चर्चा करें और अलग-अलग नजरियों से नागरिक समाज के बारे में बताएं। ( जून 2010 प्रश्न 2, जून 2011 प्रश्न 3, जून 2012 प्रश्न 3, दिसंबर 2012 प्रश्न 5(a), जून 2013 प्रश्न 3, जून 2014 प्रश्न 5, जून 2015 प्रश्न 4, दिसंबर 2015 प्रश्न 5(a), जून 2016 प्रश्न 4(a), दिसंबर 2016 प्रश्न 2, दिसंबर 2017 प्रश्न 3, जून 2018 प्रश्न 5, दिसंबर 2018 प्रश्न 5, जून 2019 प्रश्न 3, प्रश्न 5(d), जून 2020 प्रश्न 4, दिसंबर 2020 प्रश्न 4, जून 2021 प्रश्न 5(b), प्रश्न (10b), दिसंबर 2021 प्रश्न 5, दिसंबर 2022 प्रश्न 5(c), दिसंबर 2023 प्रश्न 3, जून 2024 प्रश्न 3 )
उत्तर:
नागरिक समाज (Civil society)
नागरिक समाज, नागरिकों के संगठित, अपनी मर्जी से बनाए गए, और सार्वजनिक रूप से काम करने वाले समूहों का जीवन है। ये समूह राज्य (सरकार) और बाज़ार से अलग काम करते हैं, लेकिन उनके साथ बातचीत भी करते हैं। नागरिक समाज को सामाजिक जीवन का एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है जो राज्य, अर्थव्यवस्था और निजी पारिवारिक दायरे से अलग है, फिर भी इन सबके साथ जुड़ा हुआ है। समय के साथ इसके रूप बदलने के कारण इसे ठीक-ठीक परिभाषित करना मुश्किल है।
स्वरूप (Nature):
बातचीत का क्षेत्र (Sphere of Interaction): यह अर्थव्यवस्था और राज्य के बीच मौजूद है।
बनावट (Composition): इसमें अपनी मर्जी से बने संगठन, सामाजिक आंदोलन, सार्वजनिक संवाद के तरीके, और निजी दायरे (जैसे परिवार, हालांकि इसे कभी-कभी अलग माना जाता है) शामिल हैं। इसमें चर्च, मोहल्ला समूह, दान संस्थाएं, क्लब, स्वतंत्र मीडिया, विश्वविद्यालय, थिंक टैंक (विचार समूह) आदि जैसे संगठन आते हैं।
अपनी मर्जी से बना और खुद से विकसित (Voluntary & Self-Generated): इसमें भागीदारी आमतौर पर अपनी मर्जी से होती है, और ये संगठन अक्सर समाज की ज़रूरतों और हितों से अपने आप बनते हैं, और ज़्यादातर अपना खर्च खुद उठाते हैं।
स्वतंत्रता और कानूनी सीमाएँ (Autonomy & Legal Boundaries): यह सीधे सरकारी नियंत्रण से आज़ाद है, लेकिन कानूनों के दायरे या आपसी सहमति वाले मूल्यों के तहत काम करता है।
सार्वजनिक सरोकार (Public Orientation): इसमें लोग सार्वजनिक क्षेत्र में मिलकर अपनी रुचि ज़ाहिर करते हैं, सामूहिक लक्ष्य पाने की कोशिश करते हैं, और सरकार से मांग करते हैं, न कि सिर्फ अपने निजी हितों पर ध्यान देते हैं।
अनेकता और विविधता (Pluralism & Diversity): एक स्वस्थ नागरिक समाज की पहचान यह है कि उसमें कई तरह के संगठन होते हैं, जिनके हित अलग-अलग होते हैं और कभी-कभी एक-दूसरे से मिलते भी हैं। इसमें किसी एक का दबदबा नहीं होता।
दूसरे क्षेत्रों से अंतर (Distinction from Other Spheres):
नागरिक समाज का राज्य (सरकार) से संबंध (Civil Society's Relationship with the State)
एक-दूसरे पर निर्भरता (Interdependence): यह एक आपसी रिश्ते पर जोर देता है: "नागरिक समाज के सिद्धांत के बिना राज्य का कोई सिद्धांत नहीं हो सकता, और इसी तरह, राज्य के सिद्धांत के बिना नागरिक समाज का कोई सिद्धांत नहीं हो सकता।" राज्य (सरकार) कैसा है (लोकतांत्रिक, तानाशाही) यह उसके नागरिक समाज को देखकर समझा जाता है।
जुड़ाव का स्थान (Site of Interaction): नागरिक समाज वह जगह है जहाँ समाज राज्य (सरकार) के साथ संबंध बनाता है।" यहीं पर सरकार के बाहर संगठित नागरिक सरकार से जुड़ते हैं।
प्रभाव डालना, नियंत्रण नहीं (Influence, Not Control): नागरिक समाज संगठन आमतौर पर सरकारी सत्ता हासिल करने की कोशिश नहीं करते, बल्कि सरकार को प्रभावित करने, उसमें सुधार लाने या उसे जवाबदेह बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
हेगेल (Hegel):
इन्होंने एक गहरा विश्लेषण किया जिसमें नागरिक समाज को परिवार (प्राकृतिक एकता/प्रेम का क्षेत्र) और राज्य (सार्वभौमिक नैतिकता का क्षेत्र) दोनों से अलग बताया।
मार्क्स (Marx):
मार्क्स इस बात पर हेगेल से सहमत थे कि नागरिक समाज स्वार्थ का क्षेत्र है जो आधुनिक (पूंजीपति) हालात से पैदा हुआ है।
ग्राम्शी (Gramsci):
इन्होंने एक बारीक तरीके से मार्क्सवादी नज़रिया पेश किया जिसमें फर्क बताया:
निष्कर्ष (In conclusion): नागरिक समाज की अवधारणा व्यक्ति/परिवार और राज्य तथा अर्थव्यवस्था की औपचारिक व्यवस्थाओं के बीच की जगह को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण नज़रिया देती है। इससे संगठनों के बनने, सार्वजनिक कार्रवाई, लोकतंत्र, शक्ति और सामाजिक बदलाव की प्रक्रियाएं सामने आती हैं।
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