NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 10

Aug 01, 2025
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NIOS Class-10th Chapter wise Important Topics

गृह विज्ञान (216) | हिंदी में

Ch- 10. तन्‍तु से वस्त्र 

प्रश्न 26. विभिन्न तन्तुओं की विशेषताएं बताइए।

उत्तर - विभिन्न तन्तुओं की सामान्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :

1. कपास

  • ये सफेद, क्रीम तथा हलके भूरे रंग के होते हैं तथा प्रकृति में महीन और मजबूत होते हैं।
  • ये अवशोषक, छिद्रिल तथा शीतल (शरीर के ताप को बाहर निकलने में सहायक) होते हैं। इसलिए, इन तन्तुओं से निर्मित कपड़ों का प्रयोग गर्मियों के वस्त्रों के लिए किया जाता है।
  • सूती कपड़ा मजबूत तथा लंबे समय तक चलता है और इसे धोना आसान होता है और इसका प्रयोग तौलिये, चादर, तकिये के गिलाफ आदि के लिए किया जाता है जिन्हें बार-बार धोने की आवश्यकता होती है।

2. फ्लैक्स (Flax )

  • यह एक काष्ठ तन्तु है और इससे तैयार होने वाले कपड़े को लीनेन कहते हैं।
  • लीनेन कपड़ा चमकदार, चिकना, किफायती तथा धोने में आसान होता है।
  • यह ठंडा, अवशोषक तथा गर्मियों के वस्त्रों के लिए उपयुक्त होता है।

3. जूट

  • फ्लैक्स के समान ही जूट भी एक आधारभूत तन्तु है। जूट का सर्वाधिक उत्पादन भारत में होता है।
  • जूट के तन्तु छोटे और चमकदार होते हैं।
  • ये तन्तु सामान्यतः रेशेदार तथा खुरदुरे होते हैं। इनका प्रयोग बोरी तथा रस्सी बनाने के लिए होता है।

3. ऊन : इसे पालतु पशुओं जैसे बकरी, भेड़, खरगोश आदि के बालों से प्राप्त किया जाता है। ऊनी तन्तु का रंग हलके सफेद से हलके क्रीमी जैसा भिन्न हो सकता है।

  • ऊन से तैयार कपड़े कोमल, नरम, अवशोषक होते हैं तथा उनमें आसामी से सिलवटें नहीं पड़ती हैं।
  • ये शरीर के ताप को बाहर नहीं निकलने देते हैं और तापरोधी का कार्य करते हैं। इसीलिए ऊनी कपड़े से निर्मित वस्त्रों का प्रयोग सर्दियों के मौसम में किया जाता है।

5. रेशम

  • यह रेशम के कीड़े द्वारा निर्मित एक प्राकृतिक तथा प्रोटीन फिलामेंट है।
  • रेशम से निर्मित कपड़े चिकने, महीन, नरम, चमकदार, गर्म तथा ऊन से मजबूत होते हैं।
  • इसे "तन्तुओं की रानी" कहा जाता है और इसका प्रयोग औपचारिक वस्त्रों के लिए किया जाता है।

6. रेयॉन : यह रेशम से बहुत मिलता जुलता है इसलिए रेयॉन को "कृत्रिम रेशम" या "आर्ट रेशम" भी कहते हैं।

  • यह एक मानव निर्मित रेशेदार तन्तु है जो चमकदार, चिकना तथा शीतल और अवशोषक होता है।
  • इसका प्रयोग गर्मियों के वस्त्र बनाने के लिए किया जाता है।

7. कृत्रिम तन्तु : कृत्रिम तन्तु का निर्माण पेट्रोलियम उत्पादों से किया जाता है। नायलॉन, पॉलिएस्टर, एक्रेलिक आदि कृत्रिम तन्तुओं के उदाहरण हैं।

  • कृत्रिम वस्त्रों में सिलवटें नहीं पड़ती हैं और इन्हें हलके या चमकदार रूप में तैयार किया जा सकता है।
  • ये काफी मजबूत होते हैं, धुलाई में आसान तथा जल्दी सूख जाते हैं। दूसरे शब्दों में, इनकी देखरेख तथा रख-रखाव आसान होता है।

 

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प्रश्न 27. ट्वील बुनाई एवं साटीन बुनाई के बीच कोई चार अंतर लिखें ।

उत्तर - ट्वील बुनाई एवं साटीन बुनाई के बीच अंतर इस प्रकार हैं :

ट्वील बुनाई

साटीन बुनाई

  • इसे तीन या चार वयन वाले करधे में बुना जाता है।
  • इसे पाँच से बारह वयन वाले करधे में बुना जाता है।
  • ट्विल बुनाई वाले कपड़े को एक निरंतर तिरछी रेखा में बुने गए कपड़े के रूप में पहचाना जा सकता है।
  • इसमें एक ताना सूत चार बाना सूतों के नीचे से निकाला जाता है। और वह एक बाना सूत के ऊपर से निकलता है।
  • ट्विल बुनाई को कस कर बुना जाता है, इसलिए यह कपड़ा कार्य करने के वस्त्रों तथा पुरुषों के वस्त्रों के लिए उपयुक्त है।
  • साटीन बुनाई से बनाए गए कपड़ों का प्रयोग औपचारिक पोशाकों तथा परिधानों के लिए किया जाता है।
  • उदाहरण : गबरडीन, ट्वीड, डैनिम, जीन आदि।
  • साटिन कपड़े साटिन बुनाई का उदाहरण है।

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