NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 3

Aug 01, 2025
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NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 3

NIOS Class-10th Chapter wise Important Topics

गृह विज्ञान (216) | हिंदी में

Ch- 3. भोजन समूह

प्रश्न 7. विभिन्न भोजन समूह कौन-कौन से हैं ? प्रतिदिन संतुलित आहार में इनकी क्या भूमिका है ?

उत्तर - विभिन्न भोजन समूह इस प्रकार हैं :

विभिन्न खाद्य पदार्थों में विभिन्न पोषक तत्व भिन्न-भिन्न मात्रा में पाए जाते हैं। आहार योजना बनाते समय प्रत्येक खाद्य वर्ग में से एक-एक खाद्य पदार्थ के चुनाव से प्रमुख पोषक तत्व उचित अनुपात में प्राप्त किए जा सकते हैं।

ICMR ने भारतीयों के लिए निम्न पांच भोजन समूह योजनाएँ दी हैं-

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प्रतिदिन संतुलित आहार में भोजन समूह की भूमिका निम्नलिखित है :

खाद्य वर्ग

मुख्य पोषक तत्व

अन्य पोषक तत्व

1. अनाज तथा जड़ वाली सब्जियाँ

(a)  खाद्यान्न वर्ग- चावल, गेहूँ, बाजरा ज्वार, मक्का, चिड़वा, ब्रेड इत्यादि।

(b) जड़ वाली सब्जियाँ- आलू कचालू, शकरकन्दी तथा अरबी इत्यादि।

 

कार्बोज (ऊर्जा)

 

कार्बोज (ऊर्जा)

 

प्रोटीन (निम्न श्रेणी) बी-समूह के विटामिन लोहा तथा कैल्शियम खनिज तत्व व विटामिन 'सी'

2. दालें, मेवे व तिलहन

(a)  दालें- मूंग, मसूर, उड़द, अरहर, सोयाबीन, आदि।

(b) मेवे और तिलहन- बादाम, काजू, मूँगफली का तेल, सूरजमुखी का तेल आदि।

 

प्रोटीन (मध्यम श्रेणी)

सोयाबीन (उत्तम श्रेणी)

प्रोटीन (उत्तम श्रेणी) तथा वसा


कार्बोज, बी-समूह के विटामिन, कैल्शियम तथा लोहा

बी समूह के विटामिन तथा कैल्शियम, प्रोटीन।

3. पशुजन्य खाद्य पदार्थ

(a)  दूध और दूध से बनी वस्तुएँ- दूध, दही, पनीर तथा खोया।

(b) अण्डा, माँस, मछली- अण्डा, पशु-पक्षी का माँस, मछली।

 

प्रोटीन (उत्तम श्रेणी)

 

प्रोटीन (उत्तम श्रेणी)

 

कार्बोज, वसा, कैल्शियम तथा राइबोफ्लेविन।

बी-समूह के विटामिन, वसा, विटामिन-'ए' तथा कैल्शियम।

4. फल और सब्जियाँ

(a) हरी पत्तेदार सब्जियाँ- सरसों, चौलाई, मेथी, पालक, बथुआ

(b) लाल, पीली सब्जियाँ- टमाटर, गाजर, सीताफल, चुकन्दर ।

(c) फल - सभी प्रकार के फल

 

कैरोटीन, विटामिन-सी

 

कैरोटीन

 

कैल्शियम, लोहा, कैरोटीन, बी-समूह के विटामिन तथा रेशा।

विटामिन, खनिज-लवण तथा रेशा।

विटामिन, खनिज लवण, रेशा।

5. वसा तथा शर्करा वर्ग

(a) वसा- शुद्ध घी, वनस्पति घी, मक्खन, तेल।

(b) शर्करा- चीनी, गुड़, शक्कर, शहद।

 

वसा (ऊर्जा)

 

कार्बोज (ऊर्जा)

 

आवश्यक वसा अम्ल, विटामिन-ए और विटामिन-डी।

लौह तत्व

 

 

 

 

प्रश्न 8. भोजन नियोजन को परिभाषित कीजिए। भोजन नियोजन को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?

उत्तर - भोजन नियोजन : भोजन नियोजन (Meal planning) वह प्रक्रिया है जिसमें हम प्रत्येक दिन लिए जाने वाले प्रत्येक आहार के लिए नियोजन करते हैं। अन्य शब्दों में, भोजन नियोजन का अर्थ पर्याप्त पोषण (adequate nutrition) प्रदान करने की योजना बनाना है।

भोजन नियोजन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं :

  1. आयु : सभी लोग भोजन अपनी आयु के अनुसार खाते हैं। उदाहरण के लिए एक नवजात शिशु लगभग 6 महीने तक केवल दूध ही पीता है, एक छोटा बच्चा कम मात्रा में दलिया या खिचड़ी खाता है। किशोरावस्था में बच्चे शिशुओं की तुलना में विविध प्रकार के भोजन और अधिक मात्रा में खाते हैं। इसी प्रकार, बुजुर्ग लोग नर्म तथा आसानी से पचने योग्य एवं मात्रा में कम भोजन ही खाते हैं। चूँकि आयु के अनुसार पौष्टिकता की आवश्यकता भिन्न होती है, इसलिए भोजन का प्रकार, उसकी गुणवत्ता और मात्रा भी भिन्न होती हैं।
  2. लिंग: एक पुरुष के शरीर में महिला के शरीर की तुलना में अधिक पेशीय (muscular) होती है। इसलिए, पुरुष को महिला की तुलना में अधिक प्रोटीन तथा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः आहार के लिए योजना बनाते समय परिवार के सदस्यों के लिंग को ध्यान में रखना चाहिए।
  3. मौसमी उपलब्धता: कुछ सब्जियाँ जैसे मूली, मेथी, गाजर तथा मटर सर्दियों के मौसम में उपलब्ध होते हैं जबकि अन्य सब्जियाँ जैसे करेला, घीया तथा भिंडी गर्मियों के मौसम में उपलब्ध होती हैं। मौसमी भोजन ताजा व पौष्टिक होता है और यह सस्ता और बिना मौसम के भोजन की तुलना में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसलिए भोजन का नियोजन करते समय मौसमी भोजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  4. मौसम: हम सभी गर्मियों की तुलना में सर्दियों के मौसम में अधिक भोजन खाते हैं। क्योंकि सर्दियों के मौसम में शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए हमें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। सर्दियों के मौसम में मूँगफली, मूँगफली की पट्टी, तिल की पट्टी तथा सूखे मेवें खाए जाते हैं। ये ऊर्जा से भरपूर भोज्य पदार्थ हैं जो हमारे शरीर के तापमान को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
  5. व्यवसाय : कुछ लोग जैसे श्रमिक, रिक्शा चालक, खिलाड़ी तथा किसान आदि कुछ अन्य लोगों जैसे व्यवसायिक, दुकानदार तथा अध्यापकों की तुलना में अधिक शारीरिक श्रम का कार्य करते हैं। इसलिए, उन्हें अधिक कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन की आवश्यकता होती है। हमें भोजन का नियोजन करते समय परिवार के प्रत्येक सदस्य के व्यवसाय को ध्यान में रखना चाहिए।
  6. मनोवैज्ञानिक आवश्यकताएँ: भोजन का नियोजन करते समय परिवार के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहिए जैसे गर्भवती या दुग्ध पान कराने वाली माता की पोषण संबंधी आवश्यकताएँ अधिक होती है। एक किशोर को अपने भोजन में अधिक प्रोटीन और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। एक बुजुर्ग को हल्के व आसानी से पचने वाले भोजन की आवश्यकता होती है।
  7. आर्थिक कारक: भोजन नियोजन पर परिवार की आय का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। धन की उपलब्धता हमारे भोजन की गुणवत्ता तथा मात्रा को प्रभावित करती है। बजट में वृद्धि किए बिना संतुलित आहार का कई तरीकों से नियोजन किया जाता है। उदाहरण के लिए, काजू तथा बादाम के स्थान पर मूँगफली का प्रयोग करें और इसी प्रकार पनीर के स्थान पर सोया नगेट्स तथा संतरे की जगह अमरूद का प्रयोग करें।

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