NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 8

Aug 01, 2025
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NIOS Class 10th Home Science (216) Important Question & Answer Ch 8

NIOS Class-10th Chapter wise Important Topics

गृह विज्ञान (216) | हिंदी में

Ch- 8. संक्रामक रोग एवं जीवनशैली रोग

प्रश्न 19. जीवन शैली रोगों के निवारण के सुझाव दीजिए।

उत्तर - जीवन शैली रोगों के निवारण के सुझाव हैं :

  • प्रतिदिन कुछ व्यायाम करना चाहिए जैसे घूमना, योग करना, साइकिल चलाना आदि।
  • लिफ्ट या स्वचालित सीढ़ियों के स्थान पर सीढ़ियों का प्रयोग करें।
  • भोजन के सही समय पर संतुलित आहार लें।
  • परिष्कृत तथा पैक्ड खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें क्योंकि उनमें शर्करा, वसा, लवण तथा कैलोरीज की मात्रा अत्यधिक होती है और रेशे, अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन, खनिजों (लौह तथा कैल्शियम) तथा विटामिनों की मात्रा कम होती है।
  • सम्पूर्ण अनाज जैसे सीरियल (गेहूँ का आटा), ज्वार, बाजरा का सेवन करें और परिष्कृत भोजन जैसे मैदा आदि से बचें।
  • प्रतिदिन 400-500 ग्राम मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें।
  • प्रचुर मात्रा में पानी पिएँ।
  • जीवन में तनाव से बचने के लिए ध्यान तथा योग करें।
  • धूम्रपान तथा मदिरापान से बचें।

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प्रश्न 20. शाजिया एक मेले में गई और वहाँ उसने मक्खियाँ व धूल लगा खाना खाया। अगले दिन उसे उल्टी व दस्त होने लगे और पैरों में दर्द होने लगा। ये लक्षण क्या दर्शाते हैं ? आप रोगी की देखरेख के लिए क्या कदम उठाएँगे ?

उत्तर - शाजिया एक मेले में गई और वहाँ उसने मक्खियाँ व धूल लगा खाना खाया। अगले दिन उसे उल्टी व दस्त होने लगे और पैरों में दर्द होने लगा। उल्टी व दस्त और पैरों में दर्द होना “हैजा रोग” के लक्षण है।

रोगी की देखरेख के लिए निम्न कदम उठाने चाहिए :

  • हैजा में आहार परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य रोगी के पाचन तंत्र को आराम देना होता है। इसके लिए रोगी को कोई भी ठोस खाद्य पदार्थ न दें।
  • शरीर में निर्जलीकरण को रोकने के लिए जीवनरक्षक घोल (ORS), पानी या अधिक-से-अधिक तरल पदार्थ दें।
  • रोग की तीव्रता में कमी आने पर बिना रेशे वाला तरल या अर्द्रतरल पदार्थ जैसे कि- छाछ, सूप, दाल का पानी इत्यादि दिया जाना चाहिए।
  • रोगी का आहार कोमल होना चाहिए। उसमें रेशे वाली तथा बीज वाली फल-सब्जियाँ नहीं होनी चाहिए क्योंकि वह आंतों में यांत्रिक जलन उत्पन्न करता है।
  • अधिक मिर्च-मसाले वाले, तले हुए तथा सिर के तेल वाले खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए।
  • हैजा से ग्रस्त रोगी का आहार न अधिक गर्म और न ही अधिक ठंडा होना चाहिए।

हैजा में देने लायक खाद्य पदार्थों की सूची

हैजा की स्थिति में वर्जित खाद्य पदार्थ

पूर्णतः तरल आहार : नमक तथा ग्लूकोज का पानी, सन्तरे का रस, फटे दूध का पानी सब्जियों का पानी नींबू पानी, चावल का मांड, नारियल पानी।

  • तले हुए खाद्य पदार्थ।
  • पत्तेदार तथा बीज वाले फल एवं सब्जियाँ।
  • मिर्च मसाले युक्त या तले हुए खाद्य पदार्थ।
  • बहुत गर्म या बहुत ठण्डे खाद्य पदार्थ।
  • कोलायुक्त व नशीले पेय पदार्थ।

कोमल आहार : नर्म पके अण्डे, उबले चावल, दही, खिचड़ी, उबले आलू, कस्टर्ड तथा साबूदाने की खीर।

 

प्रश्न 21. एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) का पूर्ण रूप लिखिए। एचआईवी/एड्स का विषाणु किस प्रकार फैलता है ? साथ ही कुछ निवारक उपाय भी बताइए ।

उत्तर - एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) का पूर्ण रूप है :

एचआईवी (HIV) : ह्यूमन इम्यूनो डैफिशियंसी वायरस

एड्स (AIDS) : एक्वायर्ड इम्यूनों डैफिशियंसी सिंड्रोम

एचआईवी / एड्स का विषाणु निम्न प्रकार से फैलता है:

(i) संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंधों द्वारा।

(ii) शारीरिक तरलों (फ्लूइड) के आदान-प्रदान से, उदाहरण के लिए रक्त चढ़ाना।

(iii) टीके आदि लगाते समय प्रदूषित सुइयों के प्रयोग से।

(iV) गर्भावस्था के दौरान या शिशु जन्म के समय संक्रमित माँ से बच्चे तक।

अभी तक न तो एचआईवी / एड्स का कोई उपचार है और न ही इससे प्रतिरक्षण के लिए कोई टीका ही उपलब्ध है। तथापि कुछ निवारक उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • यौन संबंध एक व्यक्ति के साथ तक सीमित रखें तथा यौन सम्पर्क के समय सुरक्षा अपनाएँ ।
  • इंजेक्शन लगाते समय सदैव विसंक्रमित सुई का ही प्रयोग करें।
  • रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पर केवल पंजीकृत ब्लड बैंक से ही उचित ढंग से परीक्षित रक्त ही प्राप्त करें।
  • एचआईवी संक्रमित होने पर गर्भधारण के लिए चिकित्सक से परामर्श करें।

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