NIOS Class 10th Home Science (216) Question Paper Solution OCT 2024 SET A

Jul 31, 2025
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NIOS Class 10th Home Science (216) Question Paper Solution OCT 2024 SET A

NIOS Question Paper OCT 2024 SET A

गृह विज्ञान (216) - खण्ड 'ब' (Section B) | हिंदी में

Question 41-47

41. श्री शर्मा प्रति माह रु. 25,000 कमाते हैं। वे दिल्ली में तीन बेडरूम वाले किराए के मकान में रहते हैं। परिवहन और घरेलू बिलों पर अपने मासिक खर्च को रिकॉर्ड करने के लिए एक प्रारूप बनाने में उनकी मदद कीजिए।

उत्तर - श्री शर्मा के मासिक खर्चों को रिकॉर्ड करने के लिए हम एक सरल और व्यवस्थित प्रारूप बना सकते हैं, जिसमें उनके प्रमुख खर्चे (जैसे किराया, परिवहन, घरेलू बिल आदि) शामिल हों। यह प्रारूप उन्हें अपने खर्चों का ट्रैक रखने में मदद करेगा।

 मासिक खर्चों का प्रारूप :

खर्च का नाम

राशि (रु.)

टिप्पणियाँ

1. किराया (रेंट)

₹ 12,000

3 बेडरूम वाले किराए के मकान का किराया

2. बिजली का बिल

₹ 1,500

मासिक बिजली बिल

3. पानी का बिल

₹ 500

मासिक पानी का बिल

4. गैस सिलेंडर/पैट्रोल

₹ 1,000

घरेलू गैस या परिवहन के लिए खर्च

5. परिवहन खर्च (ऑटो, कैब, पेट्रोल)

₹ 2,000

ऑफिस आने-जाने के लिए परिवहन का खर्च

6. मोबाइल बिल

₹ 600

मोबाइल सेवा का बिल

7.किराने का सामान

₹ 4,000

रोजमर्रा के खाद्य और घरेलू सामान का खर्च

8. मनोरंजन/आउटिंग खर्च

₹ 1,000

फिल्म, रेस्टोरेंट, या अन्य मनोरंजन पर खर्च

9. अन्य खर्च

₹ 2,400

अन्य खर्च (जैसे मेडिकल, शिक्षा, आदि)

कुल मासिक खर्च : 25,000

इस प्रारूप को भरने से श्री शर्मा को अपने मासिक खर्चों का साफ और विस्तृत आंकड़ा मिलेगा, जिससे वह बजट तैयार कर सकेंगे और अपने खर्चों पर नियंत्रण पा सकेंगे। वे हर महीने इस प्रारूप का उपयोग कर सकते हैं, और किसी भी परिवर्तन या अनावश्यक खर्चों को पहचान सकते हैं।

 

 

42. सेप्टिक टैंक के उपयोग के कोई छः लाभ बताइए।

उत्तर - सेप्टिक टैंक : सेप्टिक टैंक मानव तथा अन्य अपशिष्टों के निपटान के लिए एक विकल्प है। इस विधि में मूलतः कंक्रीट के टैंक या गर्त का निर्माण किया जाता है। घरेलू निकास पाइपों को इन गर्तों के साथ जोड़ दिया जाता है।

 सेप्टिक टैंक के उपयोग के छः लाभ :

  • स्वच्छता को बनाए रखते हैं।
  • ये वॉटर क्लोजेट प्रणाली की तुलना में कम लागत के तथा निर्माण में आसान होते हैं।
  • सेप्टिक टैंक भूमि या भूमि जल को प्रदूषित नहीं करते हैं, एवं दुर्गंध से मुक्त है।
  • परम्परागत फ्लश शौचालयों में 13-14 लीटर पानी की तुलना में इस प्रणाली में केवल 5 से 2 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
  • गर्त में एकत्र अपशिष्ट से अच्छी खाद बन सकती है।
  • मच्छरों, कीटाणुओं तथा मक्खियों को पनपने से रोकते हैं।

अथवा

मानव मल को हटाने के लिए सोखने का गड्ढा कैसे बनाया जाता है?

उत्तर - सेप्टिक टैंक : सेप्टिक टैंक मानव तथा अन्य अपशिष्टों के निपटान के लिए एक विकल्प है। इस विधि में मूलतः कंक्रीट के टैंक या गर्त का निर्माण किया जाता है। घरेलू निकास पाइपों को इन गर्तों के साथ जोड़ दिया जाता है।

 सेप्टिक टैंक के उपयोग के छः लाभ :

  • स्वच्छता को बनाए रखते हैं।
  • ये वॉटर क्लोजेट प्रणाली की तुलना में कम लागत के तथा निर्माण में आसान होते हैं।
  • सेप्टिक टैंक भूमि या भूमि जल को प्रदूषित नहीं करते हैं, एवं दुर्गंध से मुक्त है।
  • परम्परागत फ्लश शौचालयों में 13-14 लीटर पानी की तुलना में इस प्रणाली में केवल 5 से 2 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
  • गर्त में एकत्र अपशिष्ट से अच्छी खाद बन सकती है।
  • मच्छरों, कीटाणुओं तथा मक्खियों को पनपने से रोकते हैं।

 

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43. घर पर सेब का जैम तैयार करने के चरणों को क्रमबद्ध कीजिए।

उत्तर -  सेब का जैम बनाने की विधि :

चरण 1 : अच्छे किस्म के सेब चुनकर उन्हें अच्छी तरह से धो लें।

चरण 2 : उन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें, काटते समय बीजों और सख्त भाग को निकाल दें। किन्तु सेब का छिलका न निकालें।

चरण 3 : पानी में पकाएँ, जब तक कि टुकड़े नर्म न हो जाएँ (आप उसे प्रेशर कुकर में एक सीटी आने तक पका सकते हैं।)

चरण 4 : सेब के गूदे को छननी से सावधानीपूर्वक छान लें।

चरण 5 : इसे लगातार हिलाते हुए इसमें शक्कर व सिट्रिक एसिड मिलाएँ।

चरण 6 : मिश्रण को तब तक पकाएँ जब तक वह प्लेट से चिपक न जाए।

चरण 7 : गर्म जैम को चौड़े मुँह की कीटाणुरहित बोतल में डालें और ठंडा होने दें।

चरण 8 : इसे किसी ठंडे स्थान पर संभाल कर रख दें।

 


सामग्री :

सेब : 1 किग्रा

चीनी : 750 ग्राम

सिट्रिक एसिड : 1 छोटा चम्मच

पानी : 150 मि.ली.

44. मृदा प्रदूषण के कारण होने वाले किन्हीं दो स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान कीजिए। इस प्रदूषण को रोकने के लिए चार सुझाव दीजिए।

उत्तर -  मृदा प्रदूषण के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिम इस प्रकार हैं :

  • हृदय रोग व कैंसर
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं

मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए चार सुझाव :

  • घर के कूड़े-कचरे का उचित निपटान होना चाहिए ताकि इस पर मक्खियाँ, मच्छर और कॉकरोच न पनप सकें। साथ ही, पर्यावरणसहिष्णु वस्तुओं का प्रयोग करें।
  • खुले में शौच जाने के बजाय स्वच्छ शौचालयों का प्रयोग करना चाहिए।
  • कीटनाशक तथा उर्वरकों का सीमित प्रयोग करना चाहिए।
  • पेड़-पौधे मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और प्रदूषण को कम करते हैं, इसलिए अधिक से अधिकवृक्षारोपण करें।

अथवा

प्रदूषित वायु में वृद्धि के छः संभवित कारण क्या हैं?

उत्तर -  प्रदूषित वायु में वृद्धि के छः संभवित कारण :

  • घरेलू ईंधन (लकड़ी, कोयला आदि) का जलना।
  • पटाखों और आतिशबाजी का धुआँ।
  • निर्माण कार्यों और सड़क धूल से उत्पन्न प्रदूषण।
  • पेट्रोल और डीजल वाहनों से निकलने वाले धुएं में हानिकारक गैसें होती हैं, जो वायु को प्रदूषित करती हैं।
  • फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाली गैसें वायु प्रदूषण में वृदि करती हैं।
  • विलायकों तथा स्प्रे पेंट के प्रयोग से भी पर्यावरण प्रदूषित होता हैं।

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45. इस महीने सुचिता को बीमार होने के कारण 2,000 रुपये की दवाइयां खरीदनी पड़ी। उसे तीन-तीन तरीके सुझाइए जिससे वह

(i) अपनी आय बढ़ा सके और

(ii) अपने खर्चे कम कर सके।

उत्तर -

 (i) आय बढ़ाने के तीन तरीके :

  • अपनी क्षमताओं, ज्ञान व कौशल के आधार पर कार्य करना। जैसे- ट्यूशन पढ़ाना, कपड़े सिलना, हैंडीक्राफ्ट की वस्तुएँ बनाना आदि।
  • पार्ट टाइम कार्य करना।
  • ओवर टाइम कार्य करना।

 (ii) खर्चे कम करने के तीन तरीके :

  • मौसम के अनुसार फल व सब्जियों की खरीदारी करें।
  • भोजन को बर्बाद न करें व बाहर भोजन करने की आदत को कम करें।
  • बिजली, पानी आदि पर होने वाले व्यय को नियंत्रित करें।

46. किशोरों के व्यक्तित्व पर मीडिया के दो सकारात्मक प्रभाव क्या हैं? किन तीन तरीकों से किशोर अपने साथियों के साथ स्वस्थ संबंध बनाए रख सकता है?

उत्तर -  किशोरों के व्यक्तित्व पर मीडिया के दो सकारात्मक प्रभाव :

  • मीडिया न केवल विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता पैदा करता है बल्कि टेलीविजन और रेडियो पर विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी भी शामिल करता है।
  • यह किशोरों को अपने लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेबसाइटों आदि में प्रकाशित करने का अवसर भी प्रदान करता है।

 तीन तरीके जिनसे किशोर अपने साथियों के साथ स्वस्थ संबंध बनाए रख सकता है :

  • खुलकर संवाद करना : अपने विचारों और भावनाओं को ईमानदारी से साझा करना और दूसरों की बातों को ध्यान से सुनना।
  • सम्मान और सहयोग : एक-दूसरे के विचारों और भावनाओं का सम्मान करना, सहायता करना और समर्थन देना।
  • विवादों का समाधान शांति से करना : किसी भी मतभेद या विवाद को शांति और समझदारी से सुलझाना।

अथवा

किशोरावस्था के दौरान तनाव के दो कारण क्या हैं? वे किन तीन तरीकों से इस भावना का सामना कर सकते हैं?

उत्तर -  किशोरावस्था के दौरान तनाव के दो कारण :

  • शैक्षिक दबाव : अच्छे अंक प्राप्त करने, परीक्षा में सफल होने और करियर से संबंधित अपेक्षाओं का दबाव।
  • शारीरिक बदलाव और आत्म-छवि की चिंता : किशोरावस्था में शारीरिक परिवर्तन (जैसे कद, वजन, त्वचा संबंधी समस्याएं) के कारण आत्म-छवि और आत्मविश्वास पर प्रभाव पड़ता है।

 तनाव का सामना करने के तीन वैकल्पिक तरीके :

  • रचनात्मक गतिविधियाँ (क्रिएटिव एक्टिविटीज़) : पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, लेखन, या किसी शौक को अपनाने से मन हल्का होता है और आत्म-प्रकाश मिलता है।
  • समय प्रबंधन (Time Management) : पढ़ाई, खेल, और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाकर तनाव को कम किया जा सकता है।
  • स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) : पौष्टिक भोजन, पर्याप्त नींद, और नियमित व्यायाम से मानसिक और शारीरिक तनाव घटता है।

47. अपनी बहन को रंगीन सूती कपड़े घर पर धोने के लिए कोई पाँच निर्देश दीजिए।

उत्तर -  रंगीन सूती कपड़े घर पर धोने के लिए निर्देश इस प्रकार हैं :

  • यदि किसी सूती कपड़े का रंग निकलता हो तो उसे भिगो कर न रखें।
  • रंगीन सूती कपड़ों को धोने के लिए हल्के या न्यूट्रल साबुन का प्रयोग करें।
  • रंगीन सूती कपड़ों को धोने के लिए मसलने व निचोड़ने की पद्धति का प्रयोग करें।
  • कपड़े को अच्छी तरह से निचोड़ें तथा अंतिम बारी में कपड़े को उल्टा करके उस पर माँड लगाएँ।
  • रंगीन सूती कपड़ों को छाया में सुखाना चाहिए। यदि कपड़े में कुछ नमी रह जाए तो इस्त्री करने के पश्चात जब कपड़ें पूरी तरह से सूख जाएँ तभी उन्हें संभाल कर रखें।

अथवा

आपने एक रंगाई इकाई स्थापित की है। अपने कर्मचारियों को बाटिक प्रक्रिया और चार अलग-अलग चरणों के बारे में समझाइए, जिनसे विभिन्न वस्त्रों को रंगा जाता है।

उत्तर -  बाटिक प्रक्रिया का परिचय : बाटिक एक प्राचीन कला है, जिसमें मोम और रंगों का उपयोग करके कपड़े पर सुंदर और जटिल डिज़ाइन बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में कपड़े के उन हिस्सों को मोम से ढक दिया जाता है, जिन्हें रंग से बचाना होता है, और फिर डाई का उपयोग किया जाता है।

बाटिक प्रक्रिया के चार चरण :

1) डिज़ाइन और मोम लगाना (Waxing) :

  • कपड़े पर मनचाहा डिज़ाइन तैयार किया जाता है।
  • गर्म मोम (पिघला हुआ) का उपयोग करके डिज़ाइन के अनुसार कपड़े के कुछ हिस्सों को कवर किया जाता है।
  • यह मोम उस क्षेत्र को डाई से बचाता है, जिससे पैटर्न उभरता है।

2) पहली रंगाई (Dyeing) :

  • मोम लगे कपड़े को पहले हल्के रंग की डाई में डुबोया जाता है।
  • मोम लगे हिस्से रंग से सुरक्षित रहते हैं, जबकि बाकी कपड़ा रंग को सोख लेता है।
  • रंगाई के बाद कपड़े को सुखाया जाता है।

3) अधिक रंग और मोम लगाना (Waxing and Overdyeing) :

  • डिज़ाइन में और गहराई और विविधता जोड़ने के लिए मोम को फिर से नए क्षेत्रों पर लगाया जाता है।
  • कपड़े को एक गहरे रंग की डाई में फिर से डुबोया जाता है।
  • यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक सभी रंगों को प्राप्त नहीं कर लिया जाता।

4) मोम हटाना और अंतिम रूप (Wax Removal and Finishing) :

  • कपड़े को गर्म पानी में उबालकर या इस्त्री करके मोम हटाया जाता है।
  • मोम हटने के बाद कपड़े पर सुंदर और जटिल डिज़ाइन उभरकर आता है।
  • अंतिम कपड़े को धोकर सुखाया जाता है और उपयोग के लिए तैयार किया जाता है।

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