NIOS Class 12th HINDI (301) Question Paper Solution OCT 2024 SET C

Jul 25, 2025
1 Min Read
NIOS Class 12th HINDI (301) Question Paper Solution OCT 2024 SET C

NIOS Question Paper Oct 2024  SET C

HINDI (301)

Question 27- 31

27. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए :

(i) 'संयुक्त परिवार' कविता के आधार पर लिखिए कि कवि अपने घर के लगी पर्ची को देखकर बेचैन क्यों हो उठता है? घर आए अतिथि बिना मिला लौट जाने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होती है?

उत्तर - कवि अपने घर के दरवाजे पर लगी पर्ची देखकर बेचेन हो उठता है क्योंकि यह आधुनिक समाज में संयुक्त परिवार के विघटन और आत्मीयता की कमी को दर्शाता है। अतिथि बिना मिले लौट जाता है, जो पारिवारिक संबंधों की ठंडक को दर्शाता है। यदि मेरे घर आए अतिथि बिना मिले लौट जाते, तो मुझे दुःख और ग्लानि होती। मैं प्रयास करता कि घर पर सभी का स्वागत हो और परिवार में प्रेम व अपनापन बना रहे।

(ii) 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ मैं' कवि स्मृतियों के द्वंद्व से मुक्ति की कामना क्यों करता है?

उत्तर - कवि को अपनी यादों में सुखद और दुखद दोनों तरह के अनुभव दिखाई देते हैं, जिससे वह असमंजस में है कि क्या याद करे और क्या भूल जाए। कवि चाहता है कि वह इन यादों के बोझ से मुक्त हो जाए और एक नई शुरुआत करे, जहाँ वह केवल वर्तमान में जी सके। कवि अपनी यादों के साथ अकेला है, और इसलिए वह उनसे दूर होना चाहता है ताकि वह जीवन में आगे बढ़ सकें और एक नया जीवन जी सके।

 

(iii) 'परशुराम के उपदेश' कविता के संदर्भ में 'दिनकर 'जी की भाषागत विशेषताओं पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर - :‘परशुराम के उपदेश‘ कविता के संदर्भ में ‘दिनकर‘ जी की भाषागत विशेषताएँ निम्न है :

  • दिनकर की कविताओं में भाषा का सुंदर प्रयोग मिलता है। भावानुरूप भाषा उनके संकेतों परचलती दिखाई देती है।
  • भाषा के तत्सम रूप के प्रयोग दिखाई देते हैं; जैसे- विभा, शिला, शैल-शिखर पीयूष, वीरत्व, शोणित, अश्रु आदि।
  • दिनकर के कविता की पंक्तियों में लयात्मकता और गत्यात्मकता व्यापक रूप से देखने को मिलती है, जिससे कविता के वाचन में अद्भुत आनंद आता है।
  • दिनकर ने ‘परशुराम के उपदेश‘ कविता में कवि ने लाक्षणिकता का प्रयोग किया हैं-

(क) वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो

(ख) पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो

(ग) किरिचों पर अपने तन का चाम मढ़ो रे!

28. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

जला अस्थियाँ बारी-बारी

चटकाई जिनमें चिंगारी,

जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर,

लिए बिना गर्दन का मोल।

कलम, आज उनकी जय बोल।

जो अगणित लघु दीप हमारे

तूफानों में एक किनारे,

जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन

माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल

कलम, आज उनकी जय बोल

पीकर जिनकी लाल शिखाएँ

उगल रही सौ लपट दिशाएँ

जिनके सिंहनाद से सहमी,

धरती रही अभी तक डोल

कलम, आज उनकी जय बोल

अंधा, चकाचौध का मारा

क्या जाने इतिहास बेचारा

साखी हैं उनकी महिमा के,

सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल।

कलम, आज उनकी जय बोल।

(i) कलम से किनकी जय बोलने के लिए कहा जा रहा है? और क्यों?

उत्तर - कलम से स्वतंत्रता सेनानियों की जय बोलने के लिए कहा जा रहा है। क्योंकि उनके बलिदानों के कारण ही हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई है, और उनका संघर्ष हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।

(ii) 'लिए बिना गर्दन का मोल' का क्या आशय है?

उत्तर - 'लिए बिना गर्दन का मोल' का आशय है कि उन्होंने बिना अपनी जान की परवाह किए हुए, , अपने प्राणों की आहुति दी।

(iii) स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान के साक्षी कौन हैं? और कैसे?

उत्तर - स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान के साक्षी इतिहास, सूर्य, चंद्र, भूगोल और खगोल हैं।

(iv) इतिहास को अंधा क्यों कहा है?

उत्तर - इतिहास को अंधा इसलिए कहा गया है क्योंकि वह कभी भी स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान और संघर्ष को पूरी तरह से पहचान और सम्मान नहीं दे सका।

(v) स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारा क्या कर्त्तव्य है?

उत्तर - हम उनके द्वारा दिए गए स्वतंत्रता के मूल्य और संघर्षों को हमेशा याद रखें और उसे संजोएं।

सभी सटीक Question & Answer पाने के लिए यहाँ क्लिक करें!

Click Here For HINDI Q. 01-22

Click Here For HINDI Q. 23-26

Click Here For HINDI Q. 32-34

29. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :

 

(i) नाम भूल रहा हूँ। प्रायः भूल जाता हूँ। रूप देखकर प्रायः पहचान जाता हूँ, नाम याद नहीं आता। पर नाम ऐसा है कि जब तक रूप के पहले ही हाजिर न हो जाए, तब तक रूप की पहचान अधूरी रह जाती है। भारतीय पंडितों का सैकडों बार का कचरा निचौड़ा प्रश्न सामने आ गया - रूप मुख्य है या नाम? नाम बड़ा है या रूप? पद पहले है या पदार्थ?

 

उत्तर -

नाम भूल रहा ........... है या पदार्थ?

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश प्रसिद्ध निबंधकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदीद्वारा रचित निबंध ‘कुटज’ से अवतरित है। जब हम कुटज के बारे में सोचते हैं, तो हमें उसकी पहचान उसके रूप से होती है, यानी उसके फूलों और पत्तियों से। लेकिन उसका नाम "कुटज" ही उसे एक विशिष्ट पहचान देता है।

व्याख्या : लेखक वृक्ष को उजाड़ का साथी कहकर संबोधित करता है और अच्छी तरह पहचानता है, पर नाम भूल गया है। उसे रूप की तो पहचान है, पर नाम याद नहीं है। नाम के बिना रूप की पहचान अधूरी है। यह भावना लेखक के मन में जागृत होती है कि उसे नाम याद् क्यों नहीं आ रहा। वह रूप परिचय के साथ नाम परिचय भी आवश्यक समझता है। नाम और रूप दोनों का एक-दूसरे से गहरा संबंध होता है, लेकिन रूप की पहचान बिना नाम के अधूरी होती है। इस तरह, भारतीय पंडितों के इस प्रश्न का उत्तर यह हो सकता है कि रूप और नाम दोनों ही अपनी-अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं, लेकिन रूप की पहचान बिना नाम के अधूरी रहती है, और नाम का अर्थ तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक रूप सामने न हो।द्विवेदी जी साहित्य संबंधी सैद्धांतिक विचार-चर्चा का बिंदु उठाते हुए कहते हैं कि रूप और नाम में प्रमुख क्या है? यह बहस पुरानी है। पहले पद है या पदार्थ। वृक्ष रूपी पदार्थ उनके सामने हैं, पर उसका नाम (पद) नहीं सूझ रहा।

विशेष-

  • कवि वृक्ष के सौंदर्य पर प्रभावित है, परंतु उसे उसका नाम याद नहीं आ रहा है।
  • भाषा में आत्मीयता एवं प्रश्नात्मकता प्रधान है।
  • कवि की मान्यता है कि रूप-परिचय के साथ नाम-परिचय भी आवश्यक है।
  • भाषा सरल, सहज और चित्रात्मक है, जिससे सुंदर पुष्यों से लदा वृक्ष हमारे सामने साकार हो उठता है।

अथवा

(ii) अपराह्न जब मैं 'सेल्यूलर जेल' गया तो मैंने देखा, अपनी सभ्यता पर नाज़ करने वाले अंग्रेज कितने कुरूप, बदशक्ल, मनहूस, अमानुषिक कारागृह खड़े कर सकते हैं। मानवीय स्वतंत्रता की पक्षधरता का दावा करने वाली गोरी जाति किस तरह इंसान को सींखचों में एक नहीं, दो-दो दशक, दस-दस, बीस वर्ष कैद रख सकती हैं।

उत्तर -

अपराह्न जब मैं ........... रख सकती हैं।

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश "श्रीकांत वर्मा" द्वारा लिखित ‘अंडमान डायरी’ से लिया गया है। प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने सेल्यूलर जेल (काला पानी) के कठोर और अमानवीय स्वरूप का वर्णन किया है।

व्याख्या :  प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक बताते है कि जब वे सेल्यूलर जेल का निरीक्षण करता है, तो उसे ब्रिटिश शासकों के दोहरे चरित्र का गहरा एहसास होता है। वे सभ्यता और मानवाधिकारों की रक्षा का दावा करते थे, लेकिन वास्तविकता में उन्होंने भारतीयों पर अमानवीय अत्याचार किए।

अंग्रेज़ों ने भारत को गुलाम बनाए रखने के लिए कठोर दंडनीतियाँ बनाई। अंडमान के पोर्ट ब्लेयर में स्थित ‘सेल्यूलर जेल’ इसका एक उदाहरण है। ‘काला पानी’ की सज़ा इतनी भयानक थी कि वहाँ भेजे गए लोगों की वापसी की कोई उम्मीद नहीं होती थी। वे काल कोठरियों में तड़प-तड़प कर दम तोड़ देते थे। अंग्रेज़ों का इरादा इन अमानवीय सजाओं से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दबाने का था, लेकिन क्रांतिकारियों का साहस कम नहीं हुआ।

सेल्यूलर जेल की नींव 1897 में रखी गई थी। इसमें कुल 694 कोठरियाँ थीं, जहाँ कैदियों को पूरी तरह अकेले रखा जाता था। उन्हें बुनियादी सुविधाएँ भी नहीं दी जाती थीं, यहाँ तक कि शौचालय तक जाने की अनुमति नहीं मिलती थी। इस जेल की सात शाखाएँ थीं, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी बमबारी में चार शाखाएँ नष्ट हो गईं और अब केवल तीन शाखाएँ बची हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को देखकर लेखक भावुक हो जाता है और अंग्रेज़ों के पाखंड की निंदा करता है।

विशेष-

  • सरल और प्रवाहयुक्त भाषा का प्रयोग किया गया है।
  • स्वतंत्रता एक अनमोल उपहार है, जिसका महत्व लेखक को अंडमान की काल-कोठरियों को देखकर गहराई से महसूस होता है।
  • उर्दू के शब्दों का प्रयोग किया गया है जैसे- बदशक्ल, मनहूस आदि।

30. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए :

(i) 'रीढ़ की हड्डी' एकांकी में गोपाल प्रसाद लड़कियों की उच्च शिक्षा का विरोध क्यों करते हैं? क्या आप उनके विचारों से सहमत हैं?

उत्तर - 'रीढ़ की हड्डी' एकांकी में गोपाल प्रसाद लड़कियों की उच्च शिक्षा का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि वे पारंपरिक और रूढ़िवादी मानसिकता के समर्थक हैं। उन्हें लगता है कि लड़कियों का काम घर संभालना और परिवार की देखभाल करना है, न कि शिक्षा प्राप्त करके स्वतंत्र बनना। वे यह भी मानते हैं कि पढ़ना-लिखना और काबिल होना केवल मर्दों का ही काम है। गोपाल प्रसाद के अनुसार कुछ चीजों पर केवल पुरुषों का ही एकाधिकार है शिक्षा उनमें से एक है। वे समाज में प्रचलित उस संकीर्ण सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो महिलाओं को शिक्षा और प्रगति से वंचित रखना चाहती थी।

हम उनके विचारों से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है, चाहे वह लड़का हो या लड़की। लड़कियों को शिक्षित करना न केवल उनका अधिकार है, बल्कि यह समाज की उन्नति के लिए भी आवश्यक है।

(ii) व्यंग्य रचना से आप क्या समझते हैं? 'पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ' पाठ एक व्यंग्य रचना है। पुष्टि कीजिए।

उत्तर - :

व्यंग्य रचना : व्यंग्य रचना का तात्पर्य ऐसी साहित्यिक रचना से है, जिसमें किसी व्यक्ति, समाज, प्रथा, या व्यवस्था की बुराइयों, कुरीतियों, या विरोधाभासों को हास्य और चुटीले शब्दों के माध्यम से उजागर किया जाता है। इसमें कटाक्ष के माध्यम से गहरी बात कही जाती है, जिससे पाठक या श्रोता को सोचने पर मजबूर किया जाता है।

'पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ' एक व्यंग्य रचना है क्योंकि इसमें पीढ़ियों के बीच सोच और मूल्यों के टकराव को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया गया है। लेखक ने वयोवृद्ध साहित्यकारों की अवस्था का वर्णन करते हुए उनके मोह, लालच और बनावटीपन पर व्यंग्य किया है। लेखक बताता है कि ये बुज़ुर्ग शारीरिक रूप से दुर्बल हो चुके हैं, फिर भी अपनी सुख-सुविधाओं और प्रतिष्ठा को छोड़ना नहीं चाहते। वे कृत्रिम उपायों से वही जीवन जीना चाहते हैं, जो अब उनके लिए संभव नहीं। यह स्थिति स्वाभाविक रूप से हास्य पैदा करती है। व्यंग्य यहीं पर उभरता है- जब कोई व्यक्ति किसी चीज़ के योग्य न होने पर भी उसे पाने की कोशिश करता है। लेखक यह संकेत करता है कि इन बुज़ुर्गों को अगली पीढ़ी के लिए जगह छोड़ देनी चाहिए, ताकि समाज का विकास हो सके।

(iii) 'चीफ की दावत' कहानी का प्रमुख पात्र आप किसे मानते हैं और क्यों?

उत्तर - 'चीफ की दावत' कहानी का प्रमुख पात्र शामनाथ की माँ को मानते हैं क्योंकि पूरी कहानी उनके इर्द-गिर्द घूमती है। वह वृद्ध, धार्मिक और शुद्ध शाकाहारी महिला हैं, जिन्हें परिवार में उपेक्षा और अपमान सहना पड़ता है। बेटे की उन्नति के लिए उन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, फिर भी उन्हें निरादर का सामना करना पड़ता हैं। चीफ की दावत के लिए घर में बदलाव होते हैं, लेकिन माँ को बोझ समझा जाता है। फिर भी वह पुत्र की हर आज्ञा मानती हैं, यहाँ तक कि उसकी प्रतिष्ठा बचाने के लिए फुलकारी तक बनाती हैं। उनकी ममता, त्याग और पीड़ा इस कहानी का केंद्रीय विषय बनाते हैं, जिससे वे मुख्य पात्र सिद्ध होती हैं।

31. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

प्राणी जगत की सलामती के लिए वायुमंडल के संघटकों का संतुलन अनिवार्य है। पिछले कुछ वर्षों से मानवीय कुचेष्टाओं के कारण वैश्विक तापमान में असाधारण वृद्धि का सिलसिला गंभीर मंथन का विषय है। जलवायु परिवर्तन की परिणति तापमान-वृद्धि तक सीमित नहीं है। अन्य विकृतियाँ भी पृथ्वी के सभी-भूभागों में अकाल, ध्रुवीय इलाकों में बर्फ का पिघलना, तूफान, सुनामी आदि के रूप में दिख रही हैं। समुद्री जलस्तर में वृद्धि से जल-जीवन तो डांवाडोल होता ही है, कई समुदाय भी विस्थापन को मजबूर होते हैं।

             'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के दौर में ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से बिना लोक सहभागिता के नहीं निपट सकते। घरेलू सामान का फिर से उपयोग, मोटर वाहन व बिजली की कम खपत का अभ्यास, वृक्षारोपण जैसी अनेक युक्तियों से कार्बन उत्सर्जन को घटाना सहज है। पृथ्वी का मौजूदा तापमान पिछले सवा दो सौ वर्षों में डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका है और यह सिलसिला थम नहीं रहा है। पेरिस समझौता का लक्ष्य है कि 2030 तक उत्सर्जन आधे तक सीमित रह जाए और 2050 तक शून्य स्तर पर टिक जाए। 'ग्रीनहाऊस' गैसों का उत्सर्जन इतना कम हो कि जीव-जगत साँस ले सकें, सुरक्षित रह सकें।

  

(i) जलवायु परिवर्तन का असर धरती के तापमान-वृद्धि के साथ अन्य किन आपदाओं के रूप में दिखाई देता है?

उत्तर - जलवायु परिवर्तन का असर तापमान-वृद्धि के साथ-साथ अकाल, ध्रुवीय इलाकों में बर्फ का पिघलना, तूफान, सुनामी आदि के रूप में भी दिखाई दे रहा है।

(ii) समुद्री जलस्तर में वृद्धि के क्या दुष्परिणाम हैं?

उत्तर - समुद्री जलस्तर में वृद्धि से जल-जीवन अस्थिर होता है और कई समुदायों को विस्थापन का सामना करना पड़ता है।

(iii) 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' से क्या अभिप्राय है?

उत्तर - 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का अभिप्राय यह है कि सभी मानव और जीव-जंतु मिलकर पृथ्वी का संरक्षण करें।

(iv) 'शून्य गैस उत्सर्जन' से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - 'शून्य गैस उत्सर्जन' का मतलब है कि कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पूरी तरह से बंद हो जाए, ताकि पृथ्वी का तापमान नियंत्रित किया जा सके और पर्यावरण सुरक्षित रह सके।

(v) धरती के तापमान वृद्धि को कम करने में आप किस प्रकार सहयोग कर सकते हैं?

उत्तर - :धरती के तापमान वृद्धि को कम करने में निम्न प्रकार से सहयोग कर सकते है:

  • घरेलू सामान का पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण।
  • मोटर वाहनों और बिजली की खपत को कम करना।
  • वृक्षारोपण करना और पेड़ों की देखभाल करना।

सभी सटीक Question & Answer पाने के लिए यहाँ क्लिक करें!

Click Here For HINDI Q. 01-22

Click Here For HINDI Q. 23-26

Click Here For HINDI Q. 32-34

What do you think?

0 Response