NIOS Class 12th Important Topics
Module 3:- संसाधन प्रबंधन
HOME SCIENCE (321)
पाठ - 14 ऊर्जा संरक्षण
ऊर्जा के स्रोतों का वर्गीकरण
अक्षय ऊर्जा का अर्थ है वह ऊर्जा जिसे लगातार प्राप्त किया जा सकता है।
पंरपरागत ऊर्जा का अर्थ है वह ऊर्जा जो कुछ सीमित समय तक तो प्राप्त की जा सकती है, लेकिन कुछ समय बाद इसकी आपूर्ति खत्म हो जाती है।
ऊर्जा संरक्षण
ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है समान गतिविधियों के स्तर के लिए अपेक्षाकृत कम ऊर्जा का उपयोग करना।
ऊर्जा का संरक्षण मुख्य रूप से हो सकता हैं :
(1) घर पर ऊर्जा संरक्षण
(a) बिजली
- कमरे से निकलते समय पंखा व बत्ती बंद कर दें।
- ज्यादा बिजली खर्च करने वाले बल्बों के स्थान पर ऊर्जा बचाने वाली ट्यूब लाइट लगाएं।
- पुराने पंखों के रेगुलेटरों के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटरों का प्रयोग करें।
- अपनी परिवारिक जरूरत के हिसाब से ही फ्रिज का आकार रखें। बड़े आकार के फ्रिज से अधिक ऊर्जा की खपत होती है।
- फ्रिज का दरवाजा बार-बार ना खोलें।
- अपने फ्रिज को नियमित रूप से डिफ्रॉस्ट करें।
- वाशिंग मशीन पर आवश्यकता से अधिक बोझ न डालें।
- नहाने के लिए बाल्टी में गर्म पानी लें न कि गीजर का फव्वारा प्रयोग करें।
- बिजली बचाने के लिए ओवन, हेयर ड्रायर और वेक्यूम क्लीनर का कम प्रयोग करें।
(b) ईंधन का बिल में कटौती
- आई.एस.आई. (ISI) चिह्न वाले गैस के चूल्हे ही प्रयोग करें।
- परम्परागत लकड़ी के चूल्हों के स्थान पर उन्नत धूँआ रहित चूल्हों का प्रयोग करें जो सरकार द्वारा विकसित किए गए हैं। ये 20-25% अधिक तापदक्ष होते हैं।
- जहां तक संभव हो सके, सौर चूल्हों का उपयोग करें। सौर ऊर्जा मुफ्त है और काफी मात्रा में उपलब्ध है।
- छोटे बर्तनों के लिए छोटा चूल्हा ही प्रयोग करें।
- रात को गैस के सिलेंडर के रेग्युलेटर स्विच को भी बंद कर दें।
- जैसे ही भोजन पक जाए तुरंत ही उसे परोस दें ताकि उसे दुबारा गर्म न करना पड़े।
(2) खेत व कार्य स्थल पर
(a) खेतों पर
- अपने ट्रैक्टरों की देखभाल भली प्रकार करें। खराब रखरखाव से 25 प्रतिशत डीजल की क्षति होती है।
- डीजल के रिसाव को रोकें।
- जब ट्रैक्टर का प्रयोग न हो रहा हो उसके इंजन को बंद कर दें व ट्रैक्टर को उचित गीयर पर ही चलाएं।
- खेतों में ट्रैक्टर के प्रयोग की उचित योजना बनाएं। चौड़ाई की अपेक्षा लम्बाई की दिशा में खुदाई करने से डीजल की बचत होती है।
(b) कार्य स्थल पर
- अपने ऑफिस के कमरे से निकलने से पहले पंखे व बत्तियां बंद करना।
- वातानुकूलन यंत्रों को कम से कम प्रयोग करके।
- कंप्यूटर को बिना उपयोग के बंद रखें।
- अनावश्यक फोटोकॉपी न करवाएं।
- लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का उपयोग करें।
(3) सड़कों पर
- काम पर जाते वक्त लोग कार पूल कर सकते हैं अर्थात एक ही कार में दो या तीन लोग साथ जा सकते हैं।
- पेट्रॉल व सी.एन.जी. बचाने के तरीके –
- धीमी व स्थिर गति से गाड़ी चलाएं
- क्लच व ब्रेक के प्रयोग को कम करें
- टायरों में हवा के उचित दाब को बनाए रखें
- हर कीमत पर ईंधन के रिसाव को रोकें
- इंजन को सही दशा में रखें।
भविष्य के ऊर्जा के विकल्प
- बायोगैस
बायोगैस हवा की अनुपस्थिति में, जानवरों के गोबर का एक किण्वित उत्पाद है। इसमें मुख्यतः मीथेन गैस होती है जिसको खाना पकाने के लिये और घर को प्रकाशित करने के लिये सुरक्षित ढ़ग से प्रयोग किया जा सकता है।
बायोगैस के लाभ :
- बचा हुआ गंदा गोबर एक अच्छी खाद है जो सब्जियों व फसलों की पैदावार बढ़ाता है।
- बायोगैस आस पास के वातावरण स्वच्छ रखता है क्योंकि आस पास का सारा गोबर गैस संयंत्र में डाल दिया जाता है। लकड़ी जलाने से होने वाली बीमारियों से आंखों और फेफड़ों को बचाता है।
- यह जंगलों को संरक्षित रखता है क्योंकि लकड़ी को ईंधन के लिए काटने की जरूरत नहीं पड़ती।
- मजदूरों और मिस्त्रियों को बायोगैस संयंत्र लगने से रोजगार के साधन उपलब्ध होते हैं।
- सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा मुफ्त और प्रदूषण मुक्त है। यह सदियों से उपलब्ध है, लेकिन हाल ही में तकनीकी विकास के कारण इसका उपयोग प्रभावी ढंग से हो रहा है। इसके उपयोग की कुछ विधियाँ हैं:
(a) सौर कुकर :
सौर कुकर के उपयोग के लाभ :
- ईंधन की लागत कम होती है, जिससे रोजाना 2 किलो ईंधन की बचत होती है।
- यह सुरक्षित है क्योंकि इसमें आग, रिसाव, या बिजली का खतरा नहीं होता।
- इसे नियमित देखभाल की आवश्यकता नहीं होती।
(b) सौर प्रकाश : सौर पटल पर कोशिकाओं की मदद से दिन के प्रकाश को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है। ये कोशिकाएं सूर्य की रोशनी के अनुसार बिजली बनाती हैं। जब इनसे रासायनिक बैटरी जोड़ी जाती है, तो धूप में बनने वाली अतिरिक्त ऊर्जा को बादलों वाले दिनों के लिए संग्रहित किया जा सकता है।
सौर कोशिकाओं का उपयोग :
- गलियों को रोशनी देने के लिए।
- घरों में बिजली प्रदान करने के लिए।
- विज्ञापन के लिए नियॉन प्रकाश में।
(c) सौर ताप : सौर ऊर्जा का उपयोग आजकल कई तरीकों से किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल किया जाता है :
- सूर्य की ताप ऊर्जा का उपयोग पानी गर्म करने के लिए होता है।
- होटलों और भवनों में ताप व्यवस्था के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
- खारे पानी को पीने योग्य बनाने में मददगार है।
- लकड़ी, अनाज और मछली को सौर भट्टी में सुखाने के लिए उपयोगी है।
- जल ऊर्जा
बहते या गिरते पानी की गतिज ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को जल ऊर्जा या जलविद्युत (Hydroelectricity) कहते हैं। इसे हाइड्रोपावर या पनबिजली भी कहा जाता है।
सूक्ष्म जल परियोजनाओं के लाभ :
- स्थापना के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं।
- रखरखाव सरल है।
- दूरदराज इलाकों में स्थानीय विद्युत आपूर्ति के लिए उपयोगी।
- विद्युत उत्पादन का विकेन्द्रीकरण और बड़े परियोजनाओं पर दबाव कम करती है।
- पवन ऊर्जा
पवन ऊर्जा, हवा की गति से पैदा होने वाली ऊर्जा को कहते हैं। यह एक प्रकार की गतिज ऊर्जा है। पवन ऊर्जा को बिजली में बदला जा सकता है।
पवन ऊर्जा को प्रयोग करने के लाभ :
- यह पूर्णरूपेण मुफ्त व प्रदूषण मुक्त है। इसका उपयोग भौगोलिक दृष्टि से दूर-दराज के क्षेत्रों या पर्वतीय इलाकों की विद्युत आपूर्ति के लिये किया जा सकता है।
- पवन मशीन लगाने में सस्ती होती है और रखरखाव में भी आसान होती है।
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