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NIOS Class 12th Important Topics
Module 4- : मानव विकास
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पाठ - 19 अभिवृद्धि और विकास (6 से 11 वर्ष की अवस्था में )
1. शारीरिक विकास :
शारीरिक विकास से तात्पर्य, शरीर के आकार (लंबाई या ऊंचाई और वजन) और अंगों के आकार में वृद्धि से है।
नवजात बालक का सिर उसके शरीर के अनुपात में 1/4 होता है और जब बच्चा 6 से 8 साल का हो जाता है तब उसका सिर शरीर के अनुपात से 1/6 और प्रौढ़ावस्था आते-आते शरीर के अनुपात से 1/8 हो जाता है। दूसरे शब्दों में, शरीर के विकास के साथ सिर का अनुपात छोटा होता चला जाता है।
(i) दाँत : बच्चा जब 3 साल का हो जाता है तो उसके 20 दूध के दांत आ जाते हैं। मध्य बाल्यावस्था तक बच्चे के 28 दांत आ चुके होते हैं और ये सब स्थायी दाँत होते हैं। प्रौढ़ व्यक्ति के 32 दाँत होते हैं।
(ii) हड्डियाँ : मध्य बाल्यावस्था तक शरीर की सभी हड्डियाँ बन जाती हैं और इसके बाद वे आकार और मज़बूती में लगातार बढ़ती रहती हैं। इसी कारण मध्य बाल्यावस्था में बच्चे काफी फुर्तीले होते हैं।
(iii) मांसपेशियां और वसा
सभी हड्डियां वसा व मांसपेशियों से ढकी होती हैं। सात से आठ वर्ष की आयु में लड़कियों की बाजुओं, टांगों व धड़ पर चर्बी, एकत्रित होने लगती है। जबकि लड़कों में चर्बी से अधिक मांसपेशियां होती हैं। इसी कारण लड़के अधिक बलिष्ठ होते हैं। वे लम्बी दूरी तक दौड़ लगा सकते हैं व ऊँची कूद भर सकते हैं।
2. गत्यात्मक विकास :
गत्यात्मक विकास उस शारीरिक विकास को कहते हैं, जो शरीर की गति और संतुलन से जुड़ा होता है। इसमें मांसपेशियों की ताकत, संतुलन, और शरीर की समन्वय क्षमता का विकास शामिल होता है। उदाहरण के लिए, बच्चे का चलना सीखना, दौड़ना, कूदना, और संतुलन बनाए रखना गत्यात्मक विकास के उदाहरण हैं।
शरीर में दो प्रकार की मांसपेशियां होती हैं :
उम्र |
दौड़ना/ठोकर |
संतुलन |
कूदना, फांदना |
6 वर्ष |
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7 वर्ष |
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8 वर्ष |
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9 वर्ष क्रियाओं का समन्वय करके दौड़ना |
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10 वर्ष |
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3. भाषा विकास :
भाषा विकास, वह प्रक्रिया है जिसके ज़रिए बच्चे बोलना और संवाद करना सीखते हैं।
मध्य बाल्यावस्था के आते-आते 6 से 11 साल के बच्चे बेहतर वाक्य बनाना सीख जाते हैं व उनका भाषा पर पूर्ण अधिकार हो जाता है। बच्चे का भाषा कोष लगभग 14,000 से 30,000 शब्द तक होता है।
टंग ट्विस्टर (Tongue twister)
ये सरल साधारण शब्द होते हैं परन्तु इन्हें एक साथ तीव्रता से बोलना कठिन होता है। उदाहरण के लिए:
इसके अतिरिक्त इस उम्र के बच्चों को हास्य व्यंग्य में भी आनंद आता है। बच्चों का इस उम्र का हास्य व्यंग्य भाषा के अप्रत्यक्ष अर्थ पर केन्द्रित होता है। बच्चों को ऐसे चुटकुले पसंद आते हैं जो बड़ों को बेकार लग सकते हैं।
4. सामाजिक संवेगात्मक विकास
सामाजिक विकास के अन्तर्गत सामाजिक रूप से मान्यता प्राप्त व्यवहारों को सीखना और दूसरों के साथ मिलजुल कर व्यवहार करना आता है।
संवेगात्मक विकास का अर्थ है, अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना और उन भावनाओं को सामाजिक मान्यता प्राप्त तरीकों द्वारा प्रदर्शित करना।
5. संज्ञानात्मक विकास :
संज्ञानात्मक विकास का अर्थ है बच्चे के सोचने, तर्क करने और समस्याओं का हल करने की क्षमताओं का विकास।
संज्ञानात्मक विकास प्रारंभिक बाल्यावस्था में 2 से 7 वर्ष की आयु में निम्न क्षेत्रों में होता है-
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