NIOS Class 12th Home Science (321) Chapter 21th Important Topics

Jul 29, 2025
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NIOS Class 12th Important Topics

Module 4- : मानव विकास

HOME SCIENCE (321)

पाठ - 21 मानव विकास के मुद्दे व चिंताएं

शिक्षा की भूमिका

  1. शिक्षा लड़कियों में जागरूकता लाती है। शिक्षित लड़कियां स्वयं को और अपने घर को कुशलतापूर्वक चलाती हैं।
  2. शिक्षा से लड़कियों को आर्थिक स्वतन्त्रता मिलती है।
  3. शिक्षित लड़कियां, माँ बनने के बाद अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद कर सकती हैं।
  4. शिक्षित माँ अपने बच्चों की दैनिक समस्याओं को समझकर उनका सही मार्गदर्शन कर पाती है।

बाल अपराध क्या हैं ?

बाल अपराधों का अर्थ है छोटे बच्चों द्वारा कानून का उल्लंघन (16 साल से कम आयु का लड़का और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की) और कानूनन उन्हें सजा भी नहीं दी जा सकती।

बाल अपराध के कारण

 

बाल श्रम-कारण व परिणाम

कोई भी बच्चा जो 14 वर्ष की आयु से कम हो और जो पैसा कमाने के लिए कार्य कर रहा हो, वह बाल श्रमिक है।

कारण

परिणाम

  • गरीबी
  • निरक्षरता और माता-पिता का अज्ञान
  • अनाथ, आवारा व तिरस्कृत बच्चे
  • नाजुक उंगुलियां व तेज दृष्टि कुछ परम्परागत कौशलों में बहुत उपयोगी होती हैं, जैसे कालीन बुनाई में।
  • ऐसे श्रमिकों की मांग जो सस्ते, मूक व निरीह हों।
  • बच्चों से लम्बी अवधि (12 से 16 घंटे) तक असुविधाजनक आसन में काम कराया जाता है, जिससे उनमें स्थायी विकलांगता हो सकती है।
  • वे अस्वच्छ स्थितियों में काम करते हैं और अक्सर संक्रामक रोग से ग्रस्त रहते हैं।
  • ·         वे स्कूल नहीं जा पाते तो देश में अशिक्षितों की संख्या में वृद्धि होती है।

 

बाल अपराध उन्मूलन (समाप्ति) के तरीके

  1. गरीबी उन्मूलन / ऋण समर्थन : गरीबी बाल अपराधों का मुख्य कारण है। गरीबी उन्मूलन के लिए कुछ ऐसी संस्थाओं का पता लगाकर, जहाँ कम ब्याज दरों पर किसी व्यवसाय के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता हो। जिससे गरीब बालक भी अपना व्यवसाय शुरू कर सके और बाल अपराध दर में गिरावट हो सके।
  2. व्यावसायिक प्रशिक्षण : कुछ संस्थाओं में युवक/युवतियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षण व्यावसायिक कौशल और ज्ञान प्राप्त करके व्यावसायिक सफलता को बढ़ावा देता है।
  3. माता-पिता की भूमिका : माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए तथा उनकी समस्याओं को सुनकर उनके मतभेदों को सुलझाएं। उनमें अच्छी आदतें व मूल्यों को विकसित करें। युवाओं को मनोरंजन की सुविधाएं दें ताकि वे अपना समय भली-भाँति बिता सकें।

मंदबुद्धिता से पीड़ित बच्चों की सहायता के सुझाव

  • ऐसे बच्चों को कभी भी मूर्ख या बेवकूफ न कहें। इससे ये बच्चे भी उतने ही व्यथित (दुखी) होते हैं जितने आप।
  • जो कुछ भी ये बच्चे स्वयं कर सकें, उतना कार्य इन्हें करने दें। जब वे आपकी मदद मांगें तभी उनकी मदद करें। धीरे-धीरे बच्चों को कपड़े पहनना व उतारना, ठीक से खाना, अन्य लोगों से चीजें मिल बांटना और कुछ सरल निर्देश मानना सिखाएँ।
  • यदि मंदबुद्धिता अत्यधिक नहीं है तब बच्चों को साधारण घरेलू कार्य सिखाएं जैसे घर की देखभाल, खाना पकाना जैसे चावल पकाना, चाय बनाना, आलू उबालना आदि। इससे न केवल वे व्यस्त रहेंगे बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बनेंगे।
  • मंदबुद्धि बच्चों को विशेष स्कूलों में ही डालें जहाँ उन्हें जीविकोपार्जन के लिए कुछ व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है।

जनेन्द्रिय संक्रमण

एड्स (AIDS) : एड्स (AIDS) का पूरा अर्थ है एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशियेन्सी सिन्ड्रोम।

एचआईवी (HIV) : एचआईवी (HIV) का संक्षिप्त रूप हूयमन इम्यूनो डेफिशियेन्सी वाइरस।

एड्स, एचआईवी (HIV) नामक वाइरस के कारण उत्पन्न स्थिति है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को क्षति पहुंचती है।

एड्स के लक्षण :

  • लगातार थकान रहना
  • गंभीर रूप से वजन कम होना (शरीर के वजन का 10% वजन घट जाता है)
  • सोते-सोते पसीना आना
  • कई हफ़्तों तक चलने वाला बुखार,
  • एक महीने से अधिक समय तक लगातार दस्त रहना।
  • क्षय रोग (टी.बी.)

 

एचआईवी संक्रमण के माध्यम

  • रक्त द्वारा संक्रमण
  • संक्रमित माँ द्वारा बच्चे में संक्रमण
  • यौन संबधों द्वारा संक्रमण

एचआईवी संक्रमण से संबंधित भ्रांतियाँ

  • हाथ पकड़ने, स्पर्श करने व हाथ मिलाने व भीड़-भाड़ वाले स्थानों में शारीरिक स्पर्श से।
  • एक ही स्थान पर काम करने व खेलने से।
  • साथ-साथ खाने व एक दूसरे के वस्त्र पहनने से।
  • चुम्बन और आलिंगन द्वारा।
  • एक ही कमरे में सोने से।
  • एक ही शौचालय या बाथरूम के प्रयोग या तरणताल में साथ तैरने से।
  • एक साथ हसंने व मुस्कराने से।

     

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