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NIOS Class 12th Important Topics
Module 5:- वस्त्र एवं परिधान
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पाठ - 24 वस्त्र निर्माण
बुनाई की प्रक्रिया
उदहारण के लिए, बुनाई की प्रक्रिया की तुलना चटाई बनाने की प्रक्रिया से की जा सकती है। चटाई बनाते वक्त एक ढांचे पर कुछ रस्सियों को एक दूसरे के समानान्तर रखा जाता है। चटाई बनाने वाला अपनी अगुंलियों से कुछ रस्सियों को उठाकर उसके नीचे से लम्बाई में दूसरी रस्सी निकालता है। फिर उसे एक मोंथरे चाकू से धक्का देकर कस देता है। इस प्रकार एक दृढ़ चटाई बनती है।
हथकरघे में ये सब प्रक्रियाएं हाथ द्वारा की जाती हैं। आजकल यंत्रचलित करघों का प्रयोग तेजी से बुनाई करने के लिए किया जाने लगा है।
आधारभूत बुनाइयाँ
(1) साधारण बुनाई :
यह बुनाई का सबसे साधारण नमूना है और बनाने में भी सबसे कम खर्चीला है। आमतौर पर पहने जाने वाले कई वस्त्र, जैसे मलमल के दुपट्टे, ऑरगेन्डी और शिफॉन की साड़ियां इत्यादि में सादी बुनाई का प्रयोग किया जाता है। इसमें कपड़े की चौड़ाई में प्रत्येक बाना सूत प्रत्येक ताना सूत के ऊपर और नीचे बारी-बारी जाता है। यदि सूत काफी नजदीक होते हैं तब सादी बुनाई की सूत गणना अधिक होती है और इससे बनने वाला वस्त्र भी मजबूत व टिकाऊ होता है।
सादी बुनाई दो प्रकार की होती है :
(i) रिब बुनाई - किसी भी एक दिशा में पतले सूत को मोटे सूत के साथ या इकहरे सूत के साथ प्रयोग करके वस्त्रों में रिब या लाइन का प्रभाव उत्पन्न किया जाता है।
(ii) बास्केट बुनाई - इस बुनाई में दो या अधिक बाना सूत उतने ही ताना सूत के साथ एक इकाई की भाँति अंतर्गचित किए जाते हैं ताकि बास्केट बुनाई वाला प्रभाव उत्पन्न हो। मैटी वस्त्र जो क्रॉस स्टिच कढ़ाई के लिए उपयोग किया जाता है इसका एक उदाहरण है।
(2) टि्विल बुनाई :
इस बुनाई में वस्त्र पर एक तिरछी रेखा बनती है। यह बहुत मजबूत व टिकाऊ बुनाई होती है। अतः यह आमतौर पर पुरूषों के सूट व कोट के कपड़े व जींस के कपड़े में भी प्रयोग की जाती है। साधारण बुनाई की अपेक्षा टिविल बुनाई के कपड़ों पर धूल कम दिखाई पड़ती है।
(3) साटिन बुनाई :
साटिन बुनाई में कपड़े की सतह पर चमकीली और सुन्दर दिखावट बनती है। यह ताना सूत के लंबे फंदों के कारण होता है। इस बुनाई में ताना सूत कई बाना सूतों के ऊपर से गुजरने के बाद एक बाना सूत के नीचे जाता है, या फिर बाना सूत कई ताना सूतों के ऊपर से होते हुए अगले बाना सूत के नीचे जाता है। चूंकि ये लंबे फंदे आसानी से उलझ सकते हैं, इसलिए साटिन बुनाई सादी और टि्विल बुनाई की तुलना में उतनी मजबूत नहीं होती।
वीविंग तथा नीटिंग के बीच में अंतर:-
गुण |
वीविंग |
नीटिंग |
उदाहरण |
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सूत |
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उपकरण |
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वस्त्र |
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देखभाल व रख-रखाव |
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डिज़ाइन |
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उपयोग |
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