NIOS Class 12th Important Topics
Module 5:- वस्त्र एवं परिधान
HOME SCIENCE (321)
पाठ - 26 वस्त्रों एवं कपड़ों का चुनाव
कपड़ो के चुनाव को प्रभावित करने वाले कारक
- मौसम
- अवसर
- आयु (शिशुओं के कपडे, स्कूली बच्चों के कपड़े, कॉलेज के छात्रों के कपड़े, प्रौढ़ावस्था व वृद्धावस्था)
- व्यवसाय
लेबल व छपाई
लेबल : लेबल कागज़ या प्लास्टिक का एक टुकड़ा है जो किसी उत्पाद पर उसकी जानकारी हेतु चिपकाया जाता है। लेबल आपको बताता है कि उत्पाद क्या है, उसे किसने बनाया है और उसे किस प्रकार प्रयोग करना है। |
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लेबल के प्रकार :
- ब्रान्ड लेबल : ब्रान्ड लेबल वह होते हैं, जिसमें हम किसी प्रतीक, चित्र या नाम आदि को देखते हैं और उस उत्पाद को पहचानते हैं। उदाहरण के लिए, बॉम्बेडाइंग या डी.सी.एम के उत्पाद।
- विवराणात्मक लेबल : विवराणात्मक लेबल वह होते हैं, जो पैकेट में रखे सामान के गुण जैसे आकार और किस्म के विषय में बताते हैं।
- सर्टिफिकेशन लेबल : ये ऐसे लेबल होते हैं जो उत्पादक के अलावा किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी द्वारा प्रदान की गई स्वीकृति का प्रमाण होते हैं। यह प्रमाण दर्शाता है कि संबंधित उत्पाद स्वीकृत मानकों के अनुसार ही बनाया गया है। उदाहरण के लिए, "वूलमार्क" लेबल शुद्ध ऊनी वस्त्रों के लिए प्रयोग किया जाता है।
इसके अलावा, देख-रेख वाले लेबल भी होते हैं जो उत्पाद की धुलाई, इस्तिरी, भण्डारण आदि के विषय में जानकारी देते हैं।
- सूचनात्मक लेबल : ये लेबल ग्राहकों को उत्पाद की संरचना, उपयोग, कार्यप्रदर्शन और देखभाल से संबंधित जानकारी प्रदान करते हैं। इनसे ग्राहक को यह समझने में मदद मिलती है कि उत्पाद से क्या अपेक्षाएँ रखनी चाहिए, इसका उपयोग किस कार्य के लिए होगा और इसे कैसे संभालना या संरक्षित करना है।
व्यापारियों द्वारा ग्राहकों के साथ होने वाली धांधलियों / धोखा-धड़ी
- कम मात्रा में उत्पाद बेचना या खराब माल बेचना
- उत्पाद के मूल्य में धोखाधड़ी
- दोषपूर्ण उत्पाद बेचना
- लेबल पर गलत सूचना जैसे भ्रामक, झूठी तथा अधूरी जानकारी देना
रेडीमेड कपड़ो को खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें हैं :
- परिधान का डिज़ाइन - किसी भी वस्त्र के डिज़ाइन के चार महत्त्वपूर्ण तत्त्व होते हैं। ये हैं कपड़े की आधारभूत बनावट, आकार, रंग और स्पर्श जब यह सब तत्त्व पूर्ण संरचना में रखे जाते हैं तब यह एक डिज़ाइन बनाते हैं जिसमें संतुलन, अनुपात, बल, लय व संपूर्णता होती है।
- फिट - कपड़ो का चुनाव करते समय उसकी दिखावट के साथ फिट भी देखना जरूरी है। इसके लिए हमें तीरे, छाती, कमर व लम्बाई देखनी चाहिए। परिधान को आपकी आकृति की सुंदरता को बढ़ाने वाला व और सही आकार का होना चाहिए। जिसके लिए कपड़े खरीदें, उसका सही नाप लें और उसी के अनुसार खरीदें।
- कारीगरी - कारीगरी का अर्थ है वस्त्र निर्माण में उपयोग की गई बारीकियां। परिधान में दोहरी सिलाई होनी चाहिए, सिरों पर सिलाई खुली न हो, और सिलाई में खिंचाव न हो। ज़िप की अच्छी तरह जांच करें, पर्याप्त कपड़ा रखें ताकि सिलाई फिर से की जा सके। कॉलर के कोने साफ हों और पाइपिंग व पट्टियां सही तरीके से लगी होनी चाहिए।
- मूल्य - कपड़े की गुणवत्ता, डिजाइन और कढ़ाई उसके मूल्य को प्रभावित करते हैं। अक्सर लोग मानते हैं कि महंगे कपड़े बेहतर होते हैं, लेकिन यह हमेशा सही नहीं होता। इसलिए, यह देखना जरूरी है कि ली गई कीमत कपड़े की गुणवत्ता के अनुरूप है या नहीं।
- देखरेख व रख रखाव - अक्सर हम कोई ड्रेस खरीदते हैं और पहली ही धुलाई के बाद हम देखते हैं कि पाइपिंग का रंग बाकी की ड्रेस पर भी लग गया है। या कई बार इस्त्री करते वक्त लेस जल गयी है, या फिर कई बार कच्चे रंग के सूती सूट को आपको ड्राइक्लीनिंग के लिए भेजना पड़ता है।
तैयार वस्त्रों के चतुराईपूर्ण चुनाव के लिए खरीदारी करते वक्त ड्रेस के रख रखाव के निर्देशों को भली भांति पढ़कर, मूल्य से इसका मिलान कर लें। ऐसा परिधान खरीदें जिसकी देखभाल आसानी से की जा सके।
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