NIOS Class 12th Important Topics
Module 5:- वस्त्र एवं परिधान
HOME SCIENCE (321)
पाठ - 27 वस्त्रों की देखरेख और साज संभाल
वस्त्रों की धुलाई के चरण
- मरम्मत करना
- धब्बा छुड़ाना
- कपड़ों की छंटाई
- भिगोना
- धुलाई
- खंगालना
- कलफ लगाना व नील लगाना
- सुखाना
- इस्त्री करना
साबुन और डिटर्जेंट में अंतर
साबुन
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डिटर्जेंट
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- साबुन पानी के साथ मिलकर कपड़ें को जल्दी गिला करते हैं।
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- डिटर्जेंट साबुन की तुलना में अधिक तत्परता (आसानी) से कार्य करते हैं।
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- साबुन गर्म पानी में, ठंडे पानी की अपेक्षा जल्दी धुलता है।
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- डिटर्जेंट ठंडे व गर्म पानी में एक समान ही घुलते हैं।
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- साबुन सिर्फ मृदु पानी में ही अच्छा झाग बनाते हैं।
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- डिटर्जेंट कठोर पानी में भी अच्छा झाग व अच्छी धुलाई करते हैं।
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- साबुन की अपनी विशिष्ट गंध नहीं होती।
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- डिटर्जेंट की अच्छी सुगंध होती है। अतः सिन्डेट में धुले कपड़े अच्छे व खुशबूदार लगते हैं।
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- साबुन से धुलाई के पश्चात सफेद कपड़ों पर नील लगाने की आवश्यकता पड़ती है।
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- डिटर्जेंट में नील और सफेदी बढ़ाने वाले तत्त्व पहले से ही मिले होते हैं।
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- साबुन की कुछ धुलाइयों के बाद कपड़े फीके व निष्प्रभ दिखाई देते हैं क्योंकि कपड़ों पर से साबुन के अंश धुलाई से निकल नहीं पाते।
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- डिटर्जेंट इस प्रकार के कोई भी अंश नहीं छोड़ता अतः धुलने के बाद कपड़े बेजान नहीं दिखते।
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- साबुन डिटर्जेंट की तुलना में सस्ते होते हैं।
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- डिटर्जेंट साबुन से थोड़ा मंहगा होता है।
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दाग-धब्बे छुड़ाना
धब्बों की पहचान के आधार
(क) रंग : हर धब्बे का एक विशेष रंग होता है। उदाहरण के लिए, सब्जी या अचार के दाग पीले होते हैं जबकि कॉफी और चाय के दाग भूरे व घास के धब्बे हरे होते हैं।
(ख) गंध : कुछ धब्बों की विशेष गंध होती है। उदाहरण के लिए, अण्डे और पेंट के धब्बे। इन धब्बों को इनकी गंध से पहचाना जा सकता है।
(ग) स्पर्श : कुछ धब्बे कपड़ों का स्पर्श परिवर्तित कर देते हैं और इसी आधार पर उन्हें पहचाना जा सकता है। उदाहरण के लिए, पेन्ट और चाशनी के दाग कपड़े को स्पर्श करने में कड़े लगते हैं। जबकि लिपस्टिक व जूते की पॉलिश के दाग कपड़े को चिकना स्पर्श देते हैं।
दाग छुड़ाते समय सावधानियाँ
- जहाँ तक संभव हो दाग को ताज़ा ही छुड़ा लें।
- दाग को पहचानें व कपड़े को पहचानने की कोशिश करें कि कपड़ा सूती, रेशमी ऊनी या सिंथेटिक है।
- अज्ञात धब्बों के लिए पहले दाग छुड़ाने की सरलतम विधियों से प्रारम्भ करें और उसके पश्चात ही जटिल विधि को अपनाएं।
- धब्बे को हमेशा पहले ठंडे पानी से धोएं, क्योंकि रक्त व अंडे के धब्बे को गर्म पानी पक्का बना देता है और फिर उन्हें छुड़ाने में कठिनाई होती है।
- कोमल और रंगीन कपड़ों पर रसायन को पहले कपड़े के एक छोटे से हिस्से पर लगाकर देखिये। यदि कपड़े को नुकसान पहुंचता है तो रसायन का प्रयोग न करें।
- कठोर अभिकर्मक के एक ही बार प्रयोग करने की अपेक्षा मृदु अभिकर्मक के प्रयोग को बार-बार दोहराएं।
- धब्बे छुड़ाने के बाद सभी प्रकार के वस्त्रों को साबुन व पानी से अवश्य खंगालें ताकि रसायनों के अंश वस्त्र से पूर्णतया निकल जाए।
- कपड़ों को धूप में सुखाएं क्योंकि सूर्य का प्रकाश प्राकृतिक विरंजक का कार्य करता है।
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धब्बे छुड़ाने की विधियाँ
चाय व कॉफी का दाग छुड़ाना :
- ताजा धब्बा उबलता हुआ गर्म पानी धब्बे पर डालें (2 कप पानी+ 1/2 चाय का चम्मच बोरेक्स)।
- पुराना धब्बा धब्बे को ग्लिसरीन में डुबोयें।
खून का दाग छुड़ाना :
- ताजा धब्बा ठंडे पानी और साबुन से धोयें।
- पुराना धब्बा नमक के पानी से धोएं (2 बड़े चम्मच नमक + 1/2 बाल्टी पानी)।
घी, मक्खन, तेल व सब्जी का दाग छुड़ाना :
- ताजा धब्बा धब्बा गर्म पानी और साबुन से धोएं।
- पुराना धब्बा साबुन व पानी का पेस्ट बनाएं और धब्बे पर लगायें। धब्बे को धूप में रखें जब तक कि छूट न जाए।
लिपिस्टिक का दाग छुड़ाना :
- ताजा धब्बा धब्बे की अतिरिक्त मात्रा को खुरच कर निकाल दें। हल्के हाथ से मिट्टी के तेल या स्पिरिट से मलें।
- पुराना धब्बा धब्बे की अतिरिक्त मात्रा को खुरच कर निकाल दें। हल्के हाथ से मिट्टी के तेल या स्पिरिट से मलें, इसी विधि को 2 या 3 बार दोहरायें।
कपड़ों का भंडारण
कपड़ों का भंडारण करते समय की जाने वाली सावधानियाँ इस प्रकार है:
- जेबों को खाली करके कपड़ों को ब्रश से पूरी तरह से झाड़ें ताकि उन पर धूल न रहे।
- भंडारण से पहले पहने हुए कपड़े को धूप व हवा अवश्य दिखाएं।
- कपड़ों की ड्राइक्लीनिंग अथवा धुलाई से पहले, उन्हें अधिक मैले न होने दें।
- नमी वाले वस्त्रों का भंडारण न करें क्योंकि नमी से फफूंदी लगती है। कई बार संदूक या अलमारी से निकालने के बाद वस्त्र बदरंग हो जाते हैं। ऐसा फंफूदी के कारण होता है।
- सभी वस्त्रों को कीटों से बचाना चाहिए। ऐसा तम्बाकू, नीम के सूखे पत्ते, कपूर या नेफ्थलीन की गोलियों जैसे कीटनाशकों के प्रयोग से किया जा सकता है, जैसा कि घर पर करते ही आये हैं। ऊनी वस्त्रों को अखबार में लपेटा जा सकता है क्योंकि कीट छपाई की स्याही को नापसन्द करते हैं। संदूकों के अन्दर अखबार बिछाये जा सकते हैं। नीम की सूखी पत्तियाँ, चंदन का पाउडर, यूकेलिप्टस की सूखी पत्तियां आदि भी सुगंधित रहने तक प्रभावकारी होती हैं।
ड्राइ क्लीनिंग
कपड़ों की देखभाल की एक अन्य विधि ड्राइक्लीनिंग है, जो कीमती और नाजुक रेशमी तथा ऊनी वस्त्रों को साफ करने के लिए आवश्यक होती है। इसमें साधारण धुलाई के अपेक्षा, मैल को विलायकों (Solvent) और चिकनाई अवशोषकों की सहायता से हटाया जाता है।
इन विलायकों का लाभ यह है कि वे साधारण धुलाई के पानी की तरह वस्त्र में प्रवेश नहीं करते और कपड़ों के रंग को प्रभावित नहीं करते। इनके प्रयोग से न तो वस्त्र सिकुड़ता है और ना ही अपना आकार खोता है।
अवशोषक : फ्रेंच चॉक, मुल्तानी मिट्टी, पिसी मूंग दाल, बेसन, मैग्नीशियम कार्बोनेट आदि। इनका प्रयोग हर प्रकार की वस्तुओं पर से धब्बे हटाने के लिए किया जाता है।
चिकनाई विलायक - सफेद पेट्रॉल, बेंज़ीन, कार्बन टेट्राक्लोराइड, मिथाइलेटेड स्पिरिट आदि।
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