NIOS Class 12th Home Science (321) Chapter 29th Important Topics

Jul 29, 2025
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NIOS Class 12th Important Topics

Module 6:- हाउसकीपिंग

HOME SCIENCE (321)

पाठ - 29 सफाई और सफाई सामग्री

सफाई का अर्थ

सफाई के अंतर्गत फर्श झाड़ना, फर्नीचर को पोंछना, फर्श की धुलाई या पोंछा लगाना, वस्तुओं और सजावटी सामग्री की पॉलिश, टाइल्स को रगड़ना, सिंक, शौचालय, नालियों को रोगाणुमुक्त करना, साफ किये गये स्थानों को पुर्नव्यवस्थित करना, वस्तुओं को यथा स्थान लगाना, आदि आता है।

सफाई की विधियां

  • धूल झाड़ना
  • झटकना एवं पीटना
  • झाडू देना
  • पोंछा लगाना
  • धुलाई करना
  • पॉलिश करना

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सफाई सामग्री

(a) पानी : पानी सबसे सरलता से उपलब्ध सफाई करने वाला तत्त्व है। इसमें काफी गंदगी गीली होकर जाती है। यद्यपि अधिकांशतया इसमें कोई अन्य सफाई करने वाला पदार्थ भी मिलाया जाता है।

(b) डिटर्जेंट : डिटर्जेंट बाज़ार में पाउडर, ठोस (साबुन, साबुन का बुरादा आदि) और तरल रूप में उपलब्ध होते हैं। इन्हें पानी के साथ कई प्रकार की सतहों की सफाई के लिए प्रयोग किया जाता है। डिटर्जेंट को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें कुछ अन्य पदार्थ हो सकते हैं जैसे क्षारीय लवण, विंरजक (ब्लीच) झाग बढ़ाने वाले पदार्थ, रोगाणुरोधक और कुछ सुगंधित पदार्थ आदि।

(c) अपघर्षक : कुछ अपघर्षक हैं- रेत, ईंट का बारीक चूरा, बुरादा, चोकर, एमरी पत्र, बारीक राख, छनी हुयी खड़िया आदि। इनके अतिरिक्त लोहे का बुरादा, नाइलॉन सफाई और सफाई सामग्री की जाली, नारियल की जटा आदि भी गंदगी को निकालने के लिए प्रयोग किए जाते हैं

(d) अम्ल (एसिड) : तेज ऐसिड शौचालय (सिंक और टॉयलट) साफ करने के लिये प्रयोग किये जाते हैं। ये तरल रूप में और क्रिस्टल रूप में पाये जाते हैं। कुछ मृदु अम्लों को बहुत अधिक गंदी टाइल को साफ करने के लिये प्रयोग किया जाता है। एसिड को जितनी जल्दी हो साफ कर देना चाहिये। पीतल और तांबे जैसी धातुओं को साफ करने के लिये सिरके और नींबू का प्रयोग किया जाता है।

(e) क्षार : बेकिंग सोडा और अमोनिया को चिकनाई विलायक और धब्बे हटाने वाले कर्मक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

(f) विंरजक (ब्लीच) : कपड़ों पर पड़े धब्बों को सोडियम हाइपोक्लोराइट, सोडियम परबोरेट, हाइड्रोजन परऑक्साइड, सोडियम हाइड्रोसल्फाइट आदि विंरजक से छुड़ाया जाता है।

(g) विलायक : चिकनाई, मोम और अन्य धब्बों को किसी भी सतह से छुड़ाने के लिये मिथाइलेटेड स्पिरिट, कार्बनटेट्राक्लोराइड, मिट्टी के तेल व पेट्रोल आदि का प्रयोग किया जाता है।

(h) पॉलिश : फर्श, फर्नीचर, चमड़े और धातु आदि को चमकाने के लिए पॉलिश का प्रयोग किया जाता है। जब किसी सतह पर पॉलिश रगड़ी जाती है तो वह एक प्रकार का सुरक्षा आवरण बना लेती है और चमक उत्पन्न करती है। इसी प्रक्रिया में वह वस्तु या सतह भी साफ हो जाती है।

सफाई के प्रकार

  1. दैनिक सफाई : दैनिक सफाई के अंतर्गत प्रतिदिन की जाने वाली सफाई आती है।
  2. साप्ताहिक सफाई : साप्ताहिक सफाई में समय-समय पर की जाने वाली कुछ अधिक मात्रा में की जाने वाली सफाई आती है।
  3. वार्षिक सफाई : यह सफाई लम्बे अंतराल के बाद की जाती है, कम से कम एक वर्ष के अंतराल पर। अतः इसे वार्षिक सफाई कहते हैं। यह कमरे की सबसे अच्छी तरह से की जाने वाली सफाई है।

वार्षिक सफाई की सामान्य प्रक्रिया :

  1. खिड़कियाँ खोल कर कमरे को हवादार बनायें व पर्दे व दरियाँ आदि कमरे से हटा लें।
  2. लैम्पशेड, तस्वीरें, वॉल हैंगिंग आदि सभी हटायी जा सकने वाली वस्तुएं हटा लें। इन्हें पोंछ कर साफ कर लें।
  3. यदि आवश्यक हो तो कमरे से सभी फर्नीचर व फर्निशिंग हटा लें। कम से कम कालीन आदि तो अवश्य हटा लें। जाले साफ करके फर्श पर झाडू लगा लें।
  4. यदि कोई मरम्मत आदि का काम हो तो उसे करवाने का यही समय है।
  5. फर्नीचर, सजावटी सामान और फर्श को पॉलिश कर लें।
  6. कालीन को धूप में भली भाँति साफ कर लें या ड्राइ क्लीनिंग करने के लिए भेजें। फर्नीचर और अन्य वस्तुओं को उनके निर्धारित स्थान पर वापस रख दें।
  7. यदि आवश्यकता हो तो भारी फर्नीचर को पुर्नव्यवस्थित करके घर को नया अंदाज दें।
  8. झाड़ पोंछ कर पोंछा लगा लें।

खिड़कियों को बन्द करके कमरे का सर्वेक्षण कर अपनी संतुष्टि करें।

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