NIOS Class 12th Important Topics
Module 6:- हाउसकीपिंग
HOME SCIENCE (321)
पाठ - 31 घर का सौंदर्यीकरण
पुष्प सज्जा
पुष्प सज्जा के विभिन्न पहलु इस प्रकार है :
- सामग्री को एकत्रित करना
सबसे पहले फूलदान, पिन होल्डर, ताजे या बनावटी फूल, हरी पत्तियों, सूखी टहनियों आदि सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी।
|
 |
- फूलदान विभिन्न रंगों और सामग्री के बने होते हैं। फूल दानों का चुनाव इस प्रकार किया जाना चाहिए ताकि वे आसपास की सजावट और मूड के साथ मेल खा सकें। जिस कमरे में केन का फर्नीचर रखा हो उसमें फूलदान के रूप में चीनी मिट्टी की अपेक्षा एक लकड़ी या बांस की टोकरी अधिक उपयुक्त रहेगी।
- सामान्यतया किसी भी पुष्प सज्जा में विषम संख्या के फूल प्रयोग किए जाते हैं। आप कम से कम 3 फूलों का प्रयोग (जैसा कि जापानी पुष्प सज्जा इकेबाना में किया जाता है) कर सकते हैं। आपको विभिन्न आकार के फूलों का भी चुनाव करना चाहिए।
- प्राकृतिक जैसे दिखने वाले बनावटी फूलों का ताजी पत्तियों के साथ प्रयोग कर सकते हैं ताकि आपकी पुष्प सज्जा प्राकृतिक लगे। ताजी पत्तियां सुन्दरता बढ़ाने और पृष्ठभूमि देने के साथ-साथ पुष्प सज्जा को प्राकृतिक दिखने में भी सहायता करती हैं।
- एक भारी धातु के आधार पर लगी हुई लोहे की कीलों को पिन होल्डर कहते हैं। इसकी कीलों को जंग रहित, पास पास लगी हुई और इतनी लम्बी होनी चाहिए ताकि फूलों के तने और पत्तियों को उन पर टिकाया जा सके।
- फूलों के बीच के स्थान को भरने के लिए पत्तियों का प्रयोग किया जाता है। यदि पत्तियां गंदी हैं तो पहले उन्हें धो देना चाहिए। अनचाही, मुरझायी हुयी और पीली पत्तियों की काट-छांट कर लें। फूलों के स्थान पर कुछ हरी-भरी पत्तियों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
✅ सभी सटीक Topics पाने के लिए यहाँ क्लिक करें!
Click Here For Home Science(321) Important Topics
पुष्प सज्जा के आधारभूत सिद्धांत
- पुष्प सज्जा का आकार कमरे के या कमरे में रखी अन्य वस्तुओं के अनुपात में होना चाहिए, जैसे जिस मेज के ऊपर फूलदान रखा हुआ है। फूल पत्तों को फूलदान के आकार के अनुसार होना चाहिए। छोटे फूलदान में बड़ा फूल खराब लगेगा। पुष्प सामग्री को फूलदान की ऊँचाई से 11⁄2 ऊँचा होना चाहिए।
- पूरी पुष्प सज्जा संतुलित होनी चाहिए। इसका न तो ऊपरी हिस्सा भारी और न ही एकतरफा होना चाहिए।
 |
- आपकी आँखों को पूरी सज्जा के चारों ओर आसानी से घूमाना चाहिए और एक जगह स्थिर नहीं हो जाना चाहिए। इसके लिएआधारभूत आकार, रंग, टेक्सचर आदि को थोड़ी-थोड़ी दूर पर दोहराया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, घुमावदार पुष्प सामग्री का प्रयोग घुमावदार फूलदान में ही किया जाना चाहिए। ऐसा फूलों को भिन्न-भिन्न ऊँचाइयों पर लगाकर भी किया जाता है।
- भिन्न आकार वाले फूलों को क्रमशः पूरे खिले हुए फूल को नीचे की ओर और कलियों को ऊपर की ओर लगाएं।
- टहनियों को पास-पास लगाएं। इससे पुष्प सज्जा की प्राकृतिक नजर आएगी।
- पुष्प सामग्री को फूलदान से अधिक महत्त्वपूर्ण लगना चाहिए। फूलों के हर भाग को बराबर ध्यान आकर्षित नहीं करना चाहिए। बड़े व चमकीले फूल हमेशा आँखों को आकर्षित करते हैं। अतः भिन्न रंगों के कई फूल एक ही सज्जा में नहीं लगाये जाने चाहिए। इसकी अपेक्षा कुछ छोटे और हल्के रंगों के फूल चमकीले रंग के फूलों के साथ लगाए जाने चाहिए।
- सूखी टहनियों के आकार को उभारने के लिए या तो फूलों को टहनियों के घुमावों के ऊपर या नीचे लगाया जाना चाहिए। प्रत्येक पुष्प के आसपास कुछ स्थान अवश्य छोड़ें।
- फूल पत्तियों और फूलदानों को समरूप और एक दूसरे के पूरक होना चाहिए।
फर्श की सजावट
पुराने समय में लोग फर्श को भिन्न-भिन्न रंगों और फूलों की पंखुड़ियों से आकृतियाँ बनाकर सजाते थे। वे चावल का आटा या मैदा का प्रयोग करते थे। यह परम्परागत सजावट की विधि आज भी प्रचलित है और अल्पना या रंगोली के नाम से जानी जाती है। रंगोली साधारणतया दरवाजे की दहलीज पर आंगन में या घर के बरामदे में की जाती है।
अल्पना/रंगोली बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक हैं :
- त्यौहार या अवसर के अनुसार ही डिज़ाइन का चुनाव करना चाहिए।
- डिज़ाइन की रेखाएं दोहरी खींचनी चाहिए ताकि रेखाओं के बीच में रंगों को भरा जा सके।
- डिज़ाइन के संतुलन और एकरूपता को भी सुनिश्चित करना चाहिए।
- एक दूसरे के आसपास विपरीत रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
- रंगों की भराई करते समय बाह्य रेखाओं को स्पष्ट करने के लिए स्केल का प्रयोग करना चाहिए।
- पृष्ठभूमि की भराई करनी चाहिए ताकि डिज़ायन फर्श का ही हिस्सा लगे।
सजावट का सामान
सजावट की सामग्री को लगाते समय निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक हैं :
- पेंटिंग को उपलब्ध स्थान और उनके आकार के अनुसार टांगा जाना चाहिए।
- पेंटिंग सुन्दरता को उभारने के लिए उनके ऊपर लाइट लगाई जा सकती है जो सीधे पेंटिंग के ऊपर पड़े।
- पेंटिंग सीधी लगाई जानी चाहिए, तिरछी नहीं।
- लैम्प का रंग बाकी की सजावट से मेल खाता हुआ होना चाहिए। इन्हें कोने में रखा जा सकता है या किसी पेंटिंग के ऊपर लटकाया जा सकता है ताकि पेंटिंग की सुन्दरता बढ़ाई जा सके।
- कमरे में कुशन इधर उधर लगाने चाहिए ताकि कमरे में रंग खिल उठें।
- कई मूर्तियां एक साथ नहीं रखनी चाहिए।
- एक ही सामग्री से बनी वस्तुएं (जैसे पीतल, कट ग्लास, सफेद धातु, लकड़ी आदि से बनी) एक साथ समूह में रखी जानी चाहिए।
|
 |
✅ सभी सटीक Topics पाने के लिए यहाँ क्लिक करें!
Click Here For Home Science(321) Important Topics