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NIOS Class 12th Important Topics
Module 2:- आहार और पोषण
HOME SCIENCE (321)
पाठ - 6 पोषण स्तर
पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोग
1.प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण (पी.ई.एम)
कुपोषण के कारण :
प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण दो प्रकार का होता है :
मरास्मस एवं क्वाशियोरकर रोग में अंतर
मरास्मस रोग |
क्वाशियोरकर रोग |
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2. विटामिन A का आभाव
आहार में विटामिन A की कमी होने से विटामिन A अल्पता हो जाती है।
विटामिन A की कमी के लक्षण :
3. आयोडीन आभाव
आयोडीन थायरोक्सिन हॉरमोन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। यह हॉरमोन शरीर की अधिकतर उपापचयी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। आयोडीन का आभाव 'गलगण्ड' के रूप में व्यस्कों में होता है एवं बच्चों में बौनापन हो जाता है। आयोडीन का अभाव गर्भावस्था में माँ तथा शिशु दोनों के लिए हानिकारक होता है।
आयोडीन की कमी के लक्षण :
वयस्कों में -
छोटे बच्चों में -
राष्ट्रीय पोषण कार्यक्रम
यह भारत सरकार द्वारा शुरु किया गया एक कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य देश में कुपोषण की समस्या को खत्म करना और लोगों, विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पर्याप्त पोषण प्रदान करना है।
1. समन्वित बाल विकास सेवाएं (आई.सी.डी.एस)
आईसीडीएस के अंतर्गत दी जाने वाली प्रमुख सेवाएं :
स्वास्थ्य
पोषण
प्रारम्भिक बाल्यावस्था में देखरेख व स्कूलपूर्व शिक्षा
लाभार्थी
2. दोपहर का भोजन कार्यक्रम (एम.डी.एम.पी.)
6-11 वर्ष की उम्र के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को सम्पूरक आहार प्रदान करना एम.डी.एम. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। इसका एक फायदा है कि यह बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति को सुनिश्चित करता है।
3. राष्ट्रीय प्रोफिलैक्सिस (Prophylaxis) कार्यक्रम
इसका लक्ष्य विटामिन A की कमी से होने वाले अंधेपन को रोकना है।
इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाएँ हैं :
(i) विटामिन A से प्रचुर आहार की खपत को प्रोत्साहित करना।
(ii) 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों को मौखिक रूप से विटामिन A की पर्याप्त मात्रा देना।
लाभार्थी
4. राष्ट्रीय पोषण संबंधी अनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम (एन.एन.ए.सी.सी.)
छोटे बच्चों एवं महिलाओं में रक्ताल्पता को रोकना इस कार्यक्रम का लक्ष्य है। इस योजना के अर्न्तगत निम्न सेवाएँ प्रदान की जाती हैं-
(i) लौह तत्त्व से प्रचुर आहार की खपत को प्रोत्साहित करना।
(ii) लौह तत्त्व एवं फोलिक अम्ल सम्पूरक प्रदान करना।
(iii) गम्भीर रक्तालपता के रोगियों का उपचार कराना।
लाभार्थी
5. राष्ट्रीय आयोडीन न्यूनता जनित दोष नियंत्रण कार्यक्रम (एन.आई.डी.डी.सी.पी)
इस कार्यक्रम का लक्ष्य हमारे देश में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों को रोकना है। इसके लिए साधारण नमक में आयोडीन मिलाया जाता है (जिसे आयोडीन युक्त नमक कहा जाता है)।
इस कार्यक्रम में प्रदान की जाने वाली सेवाएं हैं :
(i) समस्या की गंभीरता का आकलन करना।
(ii) आयोडीन युक्त नमक के उत्पादन, विपणन के लिये व्यवस्था करना।
(iii) उत्तम कोटि के आयोडीनयुक्त नमक उपभोक्ता को प्राप्त हो इसके लिये योग्य मात्राओं का निर्धारण करना।
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