NIOS CLASS 12TH Natyakala ( 385) SOLVED TMA PDF IN HINDI SESSION 2024 - 25

Jun 27, 2025
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NIOS CLASS 12TH Natyakala ( 385) SOLVED TMA PDF IN HINDI SESSION 2024 - 25

प्रश्न 1.
(क) आचार्य अभिनवगुप्त के अनुसार नाट्य क्या है ?
उत्तर - अभिनवगुप्त अनुकरण या अनुकृति मात्र को 'नाट्य' नहीं मानते। उनका कहना है कि नाट्यानुभूति अनुव्यवसाय रूप अनुकीर्तन से होती है। अतः नाट्य अनुकीर्तन रूप है, त्रिलोकी के भावों का अनुकीर्तन है।

आचार्य अभिनवगुप्त के अनुसार, नाट्य विकल्पज्ञान से सम्पृक्त अनुव्यवसायात्मक कीर्तन रूप है अर्थात् विकल्प से संपृक्त प्रत्यक्षज्ञान नाट्य है। अनुव्यवसाय लौकिक करण का अनुसरण करते हुए प्रवृत्त होता है, अतः नाट्य को अनुकरण कहने में कोई दोष नहीं है। इसी दृष्टि से भरत ने उसे अनुकरण कहा है।

प्रश्न 2.
(ख) कथावस्तु के प्रमुख भेदों पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर - कथावस्तु के दो भेद हैं:
(i) आधिकारिक कथावस्तु अधिकार का अर्थ है फल का स्वामी होना। उस फल का स्वामी अधिकारी कहलाता है। उस अधिकारी के द्वारा किया हुआ या उससे सम्बद्ध काव्य में अभिव्याप्त इतिवृत्त अधिकारिक कहलाता है। यह इतिवृत्त या कथावस्तु प्रधान होती है और शुरू से लेकर अन्त तक चलने वाली होती है।

(ii) प्रासंगिक कथावस्तु- जो इतिवृत्त या कथावस्तु दूसरे के प्रयोजन की सिद्धि के लिए होती है, किन्तु प्रसङ्ग से उसके अपने प्रयोजन की भी सिद्धि हो जाती है, वह प्रासङ्गिक कथावस्तु कहलाती है। जैसे राम की कथा में राम की कथावस्तु का मुख्य उद्देश्य रावण का वध और सीता की प्राप्ति है। इस उद्देश्य की प्राप्ति में सुग्रीव कथा सहायक है, किन्तु कथा का फल बालि वध और सुग्रीव को राज्यप्राप्ति भी प्रसङ्ग से सिद्ध हो जाती है।

प्रश्न 3.
(क) ध्रुवस्वामिनी नाटक के रचनाकार का सामान्य परिचय दीजिए ।
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प्रश्न 4.
(क) ध्रुवस्वामिनी नाटक की नाट्य शैली का विस्तार से विवेचन कीजिए ।

प्रश्न 5.
(क) चित्राभिनय को विस्तार से समझाइए ।

प्रश्न 6.
(ख) नाट्यशास्त्र में वर्णित नाट्यमंडपों की एक सूची बनाते हुए उनका विस्तार से वर्णन कीजिए ।
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