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प्रश्न 1. (b) गांधार काल की मूर्तिकला कला की कोई दो शैलीगत विशेषताएँ बताइए।
उत्तर - गांधार काल की मूर्तिकला कला की दो शैलीगत विशेषताएँ :
1. संस्कृति का मिश्रण गांधार कला ग्रीक और रोमन परंपराओं का समावेश है।
2. विषय वस्तु : इस काल की मूर्तियों का विषय मुख्यतः बौद्ध धर्म से संबंधित है, जिसमें बुद्ध के बोधिसत्व, जातक कथाएँ और अन्य बौद्ध धार्मिक आकृतियाँ शामिल हैं।
प्रश्न 2. (a) ऐसा क्यों कहा जाता है कि गंगा घाटी कला उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र मथुरा था ?
उत्तर - गंगा घाटी कला उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र मथुरा था ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि -
मथुरा के मूर्तिकारों ने हिंदू, जैन और बौद्ध मूर्तियों का एक अनमोल खजाना छोड़ा हैं।
उन्होंने सांची और भरहुत के मूर्तिकारों के कौशल को और निखारा व बौद्ध और जैन स्मारकों के स्तंभों व प्रवेश द्वारों पर यक्षियों, शालभंजिकाओं, अप्सराओं आदि की मूर्तियों को उकेरा।
प्रश्न 3. (a) अकबर कालीन चित्रकला और जहाँगीर कालीन चित्रकला के मध्य किन्हीं दो अन्तरों एक-एक उदाहरण के साथ को लिखिए।
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प्रश्न 4. (a) वर्णन करें कि दक्कन शैली मुगल शैली के बराबर थी और इसमें फ़ारसी गीतात्मकता का अच्छा संयोजन था।
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प्रश्न 5. (b) मुगल चित्रकला की किन्हीं चार विशेषताओं को लिखिए।
प्रश्न 6. (a) कुछ स्थानीय रूप से उपलब्ध सूखे रंग जैसे चावल पाउडर, महेंदी पाउडर, हल्दी पाउडर, सिन्दूर आदि इकट्ठा करें। अब अपने ड्राइंग पेपर पर एक सुंदर पूजा चाक बनाएं, इन सूखे पाउडर से रंग दें और इनके साथ एक सुंदर डिज़ाइन बनाएं। एक तस्वीर लें, फिर एक रंगीन प्रिंटआउट लें और इसे अपनी प्रोजेक्ट फ़ाइल पर चिपकाएँ।
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