Political Science : Introduction to Public Policy Notes in Hindi Medium | B.A. PROG. DU SOL Semester 6th

May 12, 2025
1 Min Read
Political Science : Introduction to Public Policy Notes in Hindi Medium | B.A. PROG. DU SOL Semester 6th

प्रश्न 1 - लोक-नीति की अवधारणा क्या है? और लोक-नीति के विभिन्न निर्धारणकर्ताओं भूमिका का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर –

परिचय

लोकनीति सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं और दिशा-निर्देशों का समूह है, जो समाज की भलाई और समस्याओं के समाधान के लिए होती है। यह नीति समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और तकनीकी पर आधारित होती है। लोकनीति की अवधारणा जनता के हित में कार्य करना और देश के समग्र विकास को सुनिश्चित करने से जुड़ी होती है। इसका निर्धारण जनमत, आर्थिक स्थिति, राजनीति, और तकनीकी बदलाव जैसे कई कारकों द्वारा प्रभावित होता है ।

Click Here For Full Notes

लोकनीति का अर्थ एवं परिभाषा:-

'लोकनीति' (Public Policy) दो शब्दों से मिलकर बना है—'लोक' (Public) यानि जनता और 'नीति' (Policy) यानि दिशा-निर्देश या योजना। इसका शाब्दिक अर्थ - जनता के हित में बनाई गई नीति है। यह सरकार द्वारा तय की गई ऐसी प्रक्रिया है जो समाज की भलाई और समस्याओं के समाधान पर केंद्रित होती है।

महत्वपूर्ण परिभाषाएं :-

  • राबर्ट आइस्टोन के अनुसार, "सरकारी इकाई का अपने आस-पास की चीजों से सम्बन्ध लोकनीति कहलाती है।"
  • थॉमस आर. डे. के अनुसार, "सरकार जो कुछ भी करना चाहती है या नहीं करना चाहती, लोकनीति कहलाती है।"

Click Here For Full Notes

लोकनीति के निर्धारणकर्ताओं की भूमिका

1. महत्वपूर्ण कारक :

लोकनीति निर्धारण में सार्वजनिक राय, रुचि समूह, राजनीतिक दलों की विचारधाराएं, आर्थिक परिस्थितियाँ, संवैधानिक ढांचा और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव मिलकर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। जनमत  और समूह सरकार को दिशा देते हैं, दल विचारधारा तय करते हैं, आर्थिक स्थितियाँ नीति की आवश्यकता बनाती हैं, जबकि संविधान व अंतरराष्ट्रीय समझौते नीति को सही और वैश्विक बनाते हैं।

2. आर्थिक निर्धारणकर्ता :

ये निर्धारणकर्ता लोक-नीति को बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। जैसे- अर्थव्यवस्था की स्थिति, सरकार के खर्च और टैक्स से जुड़े फैसले, ब्याज दरों में बदलाव, व्यापार नियम और निवेश को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ। उदाहरण के तौर पर, भारत में आर्थिक सुधार, GST और "मेक इन इंडिया" जैसी नीतियाँ इन आर्थिक कारकों से जुड़ी हैं।

3. सामाजिक निर्धारणकर्ता :

लोक-नीति को समाज की ज़रूरतों के अनुसार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जनसंख्या, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक आंदोलनों से नीतियाँ प्रभावित होती हैं। उदाहरण के लिए, "स्किल इंडिया" और "सर्वशिक्षा अभियान" जैसी योजनाएँ समाज की जरूरतों को पूरा करती हैं। सामाजिक आंदोलनों से सरकार पर दबाव पड़ता है, जिससे नीतियाँ बदलती हैं।

4. राजनीतिक निर्धारणकर्ता :

ये लोक-नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार की संरचना, राजनीतिक स्थिरता, नेतृत्व और चुनावी राजनीति नीति को प्रभावित करते हैं। चुनावी रणनीतियाँ, अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव और नीति बनाने की प्रक्रिया में जनता की भागीदारी भी नीतियों की दिशा तय करती है। उदाहरण के लिए, स्वच्छ भारत अभियान और पेरिस समझौता जैसी पहलें राजनीतिक दृष्टिकोण और अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को दिखाती हैं।

5. प्रौद्योगिकी एवं संस्थागत निर्धारणकर्ता :

तकनीकी बदलाव और संस्थाओं का भी लोक-नीति पर बड़ा असर होता है। डिजिटल इंडिया जैसी तकनीकी योजनाएं और स्वास्थ्य सुधार नीतियों को बदलते हैं। सरकारी संस्थाएँ जैसे न्यायपालिका, नौकरशाही और नियामक एजेंसियाँ नीतियों को सही तरीके से लागू करने में मदद करती हैं। GST और RTI जैसे सुधार पारदर्शिता बढ़ाते हैं और नीतियों को प्रभावी बनाते हैं।

निर्धारणकर्ताओं की भूमिका का विश्लेषण

लोकनीति के निर्धारण में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और तकनीकी तत्व मिलकर नीति को आकार देते हैं। जैसे, आर्थिक स्थिति और सरकारी खर्च नीति के दिशा-निर्देश तय करते हैं, जबकि समाज की जरूरतों और राजनीतिक दृष्टिकोण नीतियों को प्रभावित करते हैं। तकनीकी और संस्थागत सुधार पारदर्शिता बढ़ाते हैं, जिससे नीतियाँ अधिक प्रभावी बनती हैं। ये सभी कारक मिलकर नीति निर्माण को सशक्त और उत्तरदायी बनाते हैं।

Click Here For Full Notes

लोकनीति का महत्व

1. शासन का ढाँचा  :

लोक-नीति सरकार को सही दिशा में काम करने के लिए रास्ता दिखाती है, जिससे सरकार अपने फैसले सही तरीके से ले और लागू कर सके। यह शासन को आसान बनाती है।

2. संसाधन वितरण  :

लोक-नीति यह सुनिश्चित करती है कि सीमित संसाधनों को सही जगह पर खर्च किया जाए, ताकि लोगों की जरुरतें पूरी की जा सकें।

3. सामाजिक समानता और न्याय  :

लोक-नीति समाज में सभी को समान अधिकार देने के लिए काम करती है, ताकि सभी को बराबरी का मौका मिल सके और किसी के साथ भेदभाव न हो।

4. आर्थिक विकास :

लोक-नीति देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती है, जिससे रोजगार के मौके बढ़ते हैं और व्यापार में आसानी होती है। यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।

निष्कर्ष

लोकनीति समाज के विकास और समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी होती है। यह सरकार के निर्णयों का मार्गदर्शन करती है, जिससे देश की स्थिति बेहतर हो सके। विभिन्न कारक जैसे आर्थिक, सामाजिक, और तकनीकी बदलाव लोकनीति को प्रभावित करते हैं और इसे प्रभावी बनाने में मदद करते हैं।

Click Here For Full Notes

What do you think?

0 Response