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NIOS Question Paper 2024
HINDI (301)
Question 29-33
29. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए :
(क) 'चीफ की दावत' कहानी में शामनाथ अपनी माँ के साथ किस प्रकार का व्यवहार करता है ? उससे उसके चरित्र के विषय में क्या पता चलता है ?
उत्तर - 'चीफ की दावत' कहानी में शामनाथ अपनी माँ के प्रति अत्यंत असंवेदनशील और स्वार्थी व्यवहार करता है। वह अपनी माँ को पार्टी के दौरान छुपाने की कोशिश करता है और उनकी स्थिति को हीन मानता है। इसके बावजूद, जब माँ की उपस्थिति से लाभ होता है, तो वह गर्वित हो जाता है। शामनाथ का चरित्र स्वार्थी और सामाजिक मान्यताओं से प्रभावित प्रतीत होता है, जो अपनी नौकरी की तरक्की के लिए अपनी माँ की भावनाओं की अनदेखी करता है।
(ख) ‘रीढ़ की हड्डी' एकांकी के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
उत्तर - 'रीढ़ की हड्डी' एक सामाजिक एकांकी है। इसका शीर्षक बिल्कुल उचित है। इस एकांकी में लेखक ने समाज के रूढ़ियों पर प्रहार किया है। यदि मानव शरीर में रीड की हड्डी का कोई भाग स्वस्थ ना हो तो मानव शरीर का खड़े रह पाना संभव नहीं है। उसी प्रकार यदि समाज की रीढ़ पुरुष और नारी में से यदि किसी एक का शोषण हो, उसे दबाया जाए,समान अधिकार न दिया जाए तो समाज का भी कल्याण असंभव है। अतः "रीड की हड्डी" पाठ का एक उपयुक्त शीर्षक है।
(ग) ‘पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ' पाठ के आधार पर लिखिए कि पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी को दायित्व क्यों नहीं सौंपना चाहती। इससे युवा पीढ़ी किस प्रकार प्रभावित होती है ?
उत्तर - 'पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ' पाठ के आधार पर, पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी को दायित्व इसलिए नहीं सौंपना चाहती क्योंकि उन्हें भय है कि नई पीढ़ी उनके स्थापित वर्चस्व और सिद्धांतों को समाप्त कर देगी। साथ ही, उनके सभी अधिकार समाप्त हो जाएँगे व उनका प्रभाव शून्य हो जाएगा। वे अपने अनुभवों और अधिकारों पर ही एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं। इस स्थिति में युवा पीढ़ी आत्मविश्वासहीन हो जाती है, और उसकी स्वतंत्रता, सुख, तथा विकास बाधित होते हैं। इससे वे समाज विरोधी मानसिकता की ओर बढ़ सकते हैं, क्योंकि उन्हें अवसर और जिम्मेदारी नहीं दी जाती।
30. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
आत्मनिर्भरता का अर्थ है- अपने ऊपर निर्भर रहना, जो व्यक्ति दूसरे के मुँह को नहीं ताकते, वे ही आत्मनिर्भर होते हैं। वस्तुतः आत्मविश्वास के बल पर कार्य करते रहना आत्मनिर्भरता है। आत्मनिर्भरता का अर्थ है समाज, निज तथा राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करना। व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र में आत्मविश्वास की भावना, आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। स्वावलंबन जीवन की सफलता की पहली सीढ़ी है। सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को स्वावलंबी अवश्य होना चाहिए। स्वावलंबन व्यक्ति, समाज, राष्ट्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति का महामंत्र है। स्वावलंबन जीवन का अमूल्य आभूषण है। वीरों तथा कर्मयोगियों का इष्टदेव है। सर्वांगीण उन्नति का आधार है।
आत्मनिर्भर बनकर हार्दिक आनंद प्राप्त करो। स्वावलंबन के अन्य अनेक उदाहरण भी देखने को मिलते हैं। पेड़-पौधों व पशु-पक्षियों में तो स्वावलंबन कूट-कूटकर भरा है। पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। सूर्य से प्रकाश, चंद्रमा से रस और धरती से जल प्राप्त कर स्वयं बढ़ते जाते हैं । पशु-पक्षी जरा से बढ़े हुए नहीं कि निकल पड़ते हैं अपने भोजन की तलाश में।
(क) ‘आत्मनिर्भरता' का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर - आत्मनिर्भरता का अर्थ है-अपने आप पर निर्भर (सक्षम) रहकर अपना, परिवार का तथा समाज एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
(ख) गद्यांश में जीवन में सफलता का मूलमंत्र किसे माना गया है और क्यों ?
उत्तर - जीवन में सफलता का मूलमंत्र स्वावलंबन है क्योंकि इससे व्यक्ति, समाज, राष्ट्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति को प्राप्त कर सकता है।
(ग) स्वावलंबन के लिए गद्यांश में प्रयुक्त विशेषण / उपमा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - "जीवन का अमूल्य आभूषण" : यहाँ स्वावलंबन को एक अमूल्य आभूषण के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो जीवन की सफलता और मूल्यवान होने को दर्शाता है।
(घ) गद्यांश में पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों का उल्लेख क्यों किया गया है ?
उत्तर - क्योंकि पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों में स्वावलंबन कूट-कूटकर भरा है।
(ङ) आप सफलता का मूलमंत्र किसे मानते हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
उत्तर - कठोर परिश्रम और धैर्य जीवन में सफलता के मूल मंत्र हैं। केवल मन की इच्छाओं से नहीं बल्कि कठोर परिश्रम और सतत प्रयास से ही मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
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31. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए :
(क) अखिल भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति परिषद् के महानिदेशक की ओर से कार्यालयों में मोबाइल फोन पर होने वाले व्यय के लिए धन राशि की सीमा निर्धारित करने हेतु परिपत्र लिखिए।
उत्तर -
अखिल भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति परिषद्
परिपत्र संख्या :
तारीख : 12/02/2024
प्रति,
सभी विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रमुख।
विषय : कार्यालयों में मोबाइल फोन पर होने वाले व्यय की सीमा निर्धारण।
यह सूचित किया जाता है कि अखिल भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति परिषद् द्वारा कार्यालयों में मोबाइल फोन पर किए जाने वाले व्यय की सीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय सभी विभागों और कार्यालयों पर लागू होगा, और इसका उद्देश्य व्यय पर नियंत्रण रखते हुए सरकारी निधियों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी के लिए मोबाइल फोन पर होने वाले व्यय की मासिक सीमा ₹[राशि] निर्धारित की गई है। सभी विभागाध्यक्षों से अनुरोध है कि इस परिपत्र की प्रति अपने अधीनस्थों को अवश्य प्रदान करें एवं इसका अनुपालन सुनिश्चित करें।
महानिदेशक,
हस्ताक्षर
प्रतिलिपि :
(ख) सरकारी कार्यालय के सहायक अधिकारी द्वारा बी० ए० की पढ़ाई करने हेतु उच्च अधिकारी को टिप्पण लिखा गया था; उसके प्रत्युत्तर में अधिकारी द्वारा टिप्पण लिखिए।
उत्तर -
प्रारूप
फा. सं .....................................
विभाग व कार्यालय का नाम .............................
विषय ................................................................................................................
कलेवर
......................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................
ह० ......................
दिनांक .................
पदनाम (जिस अधिकारी को प्रस्तुत करना है)
नमूना
श्री [सहायक अधिकारी का नाम],
[विभाग का नाम],
[कार्यालय का नाम],
विषय : बी० ए० की पढ़ाई के लिए अनुमति के संबंध में
विषय के संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि आपके द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार करते हुए, निम्नलिखित शर्तों के अधीन आपकी पढ़ाई की अनुमति स्वीकृत की जाती है:
सादर,
ह० ......................
दिनांक .................
पदनाम (जिस अधिकारी को प्रस्तुत करना है)
32. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए :
(क) कार्यालयी हिंदी किसे कहते हैं ? इसकी दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर - विभिन्न कार्यालयों या प्रशासनिक कार्यों में इस्तेमाल होने वाली हिंदी को कार्यालयी हिंदी अथवा प्रशासनिक हिंदी कहते है।
कार्यालयी हिन्दी की विशेषताएँ :
(ख) संचार माध्यमों में प्रयुक्त होने वाली हिन्दी पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर - संचार माध्यमों में प्रयुक्त होने वाली हिंदी का स्वरूप विशेष महत्व रखता है। टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्र, और सोशल मीडिया जैसे माध्यमों ने हिंदी भाषा के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान है। इन माध्यमों में प्रयुक्त हिंदी का प्रमुख उद्देश्य है, आम जनता तक संदेश को सरलता और स्पष्टता से पहुंचाना। इसके अलावा, संचार माध्यमों की हिंदी में अलग-अलग क्षेत्रों के शब्द आम बोलचाल की भाषा में दिखते हैं। साथ ही, अंग्रेजी के शब्दों और उनके हिंदी अनुवाद, दोनों का उपयोग होता है। जैसे- प्राइम टाइम, सीधा प्रसारण, समाचार बुलेटिन, ऑन कैमरा, संपादकीय आदि।
33. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए :
(क) मोबाइल फोन विभिन्न संचार माध्यमों का संवाहक है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर - मोबाइल फोन आज के समय में विभिन्न संचार माध्यमों का महत्वपूर्ण संवाहक है। जो निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है।
इस प्रकार, मोबाइल फोन ने संचार के विभिन्न माध्यमों को एक ही उपकरण में समाहित कर दिया है, जो इसे एक अत्यंत बहुपरकारी और प्रभावशाली उपकरण बनाता है।
(ख) गूगल टूल द्वारा देवनागरी लिपि में टाइप करना सरल कैसे हुआ है ?
उत्तर - गूगल टूल द्वारा देवनागरी लिपि में टाइप करना अब सरल और सुविधाजनक हो गया है। इसके कई महत्वपूर्ण कारण हैं।
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